उत्तरखंड: 60 लाख में हुआ था सौदा, कंप्यूटर प्रोग्रामर ने लीक किए थे 80 सवाल
देहरादून : यूकेएसएससी की चार-पांच दिसंबर 2021 को हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक कराने का मामला सामने आया है। गिरोह ने परीक्षा से एक दिन पहले ही सौ में से 80 सवालों को पैसे देने वाले अभ्यर्थियों को उपलब्ध करा दिया था। साथ ही उन्हें रामनगर स्थित एक रिर्जाट में परीक्षा की तैयार भी कराई गई।
अभी तक एसटीएफ को मिली जानकारी के अनुसार, 60 लाख रुपये में पर्चा लीक कराया गया था। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने मुकदमा दर्ज होने के दो दिन बाद ही पेपर लीक करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी व एक कोचिंग संस्थान के डायरेक्टर समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस उप महानिरीक्षक सेंथिल अबुदई कृष्ण राज एस व एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की ओर से 13 विभागों में 854 रिक्त पदों के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी। इन रिक्त पदों के सापेक्ष 2,16,519 अभ्यर्थियों ने आवेदन कि
60 लाख रुपये में पर्चा कराया गया था लीक
उत्तराखंड राज्य के बेरोजगार संघ ने भर्ती पर सवाल उठाते हुए जांच करवाने की मांग की, लेकिन यूकेएसएससी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों ने बीते शनिवार को भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। संघ की ओर से मिली शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी अशोक कुमार को परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच के आदेश जारी किए। इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं विवेचना उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ को स्थानांतरित की गई।
एसटीएफ ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि ग्राम मयोली जिला अल्मोड़ा निवासी मनोज जोशी वर्ष 2014-15 से 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में चतुर्थ श्रेणी (पीआरडी) के रूप में तैनात था। वर्ष 2018 में विभागीय शिकायत पर उसे आयोग ने हटा दिया।
इससे पहले वह 12 साल तक लखनऊ स्थित सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में कार्य कर चुका था। दून के पंडितवाड़ी कैंट निवासी जयजीत दास आउटसोर्स कंपनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से कंप्यूटर प्रोग्रामर के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत था और कंपनी की ओर से उससे आयोग के गोपनीय कार्य करवाए जाते थे। इस वजह से जयजीत दास की जान-पहचान मनोज जोशी से हो गई।
आयोग के कार्यालय में ग्राम पाटी जिला चंपावत निवासी मनोज जोशी का परीक्षाओं के कार्यक्रम संबंध में जानकारी लेने के लिए आना-जाना लगा रहता था, जिसके कारण उसकी पहचान अल्मोड़ा के रहने वाले मनोज जोशी से हुई। चंपावत निवासी मनोज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसकी पहचान चांदपुर, बिजनौर निवासी कुलवीर सिंह चौहान से हुई।
कुलवीर सिंह ने करनपुर, डालनवाला स्थित डेल्टा डिफेंस कोचिंग इंस्टीट्यूट में कोचिंग ली थी और बाद में इसी कोचिंग सेंटर में पढ़ाने लगा और वर्तमान में वह कोचिंग का डायरेक्टर है। कुलवीर के माध्यम से कालसी निवासी शूरवीर सिंह चौहान की पहचान चंपावत निवासी मनोज जोशी से हुई। इसके बाद किच्छा, उधमसिंह नगर निवासी गौरव नेगी की मुलाकात चंपावत निवासी मनोज जोशी से हुई थी। गौरव नेगी किच्छा में निजी स्कूल में शिक्षक था और ग्रुप सी में स्नातक स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था।
जयजीत दास को दिए थे 60 लाख रुपये
डीआइजी ने बताया कि आरोपित शूरवीर व कुलवीर ने अपनी पहचान के परीक्षार्थियों के संबंध में चंपावत निवासी मनोज जोशी को बताया। मनोज जोशी ने अल्मोड़ा निवासी मनोज के साथ मिलकर कंप्यूटर प्रोग्रामर जयजीत दास से पेपर लीक कराने के संबंध में बात की और 60 लाख रुपये दिए। जयजीत दास आयोग कार्यालय में जाकर पेपर की सेटिंग और अन्य तकनीकी कार्यों के नाम पर परीक्षा के सौ मे से 80 प्रश्न कापी कर लिए।
जयजीत ने कापी किए 100 में से 80 सवालों को अल्मोड़ा निवासी मनोज जोशी के माध्यम से चंपावत निवासी मनोज जोशी, कोचिंग डायरेक्टर कुलवीर सिंह चौहान, शूरवीर सिंह चौहान, गौरव के माध्यम से परीक्षा में शामिल परीक्षार्थियों को परीक्षा की तिथि से एक दिन पहले रामनगर में दिए। आरोपितों की ओर से रामनगर में एक रिर्जाट के तीन कमरे बुक कराए थे और परीक्षा की तैयारी करवाई। छात्रों को अगली सुबह परीक्षा सेंटर तक छोड़ दिया। आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने 37 लाख, 10 हजार रुपये बरामद किए गए हैं।
इन आरोपितों को किया गया गिरफ्तार
- जयजीत सिंह निवासी पंड़ितवाडी कैंट देहरादून (कंप्यूटर प्रोग्रामर)
- मनोज जोशी निवासी ग्राम मयोली जिला अल्मोड़ा (निष्कासित पीआरडी जवान)
- मनोज जोशी निवासी ग्राम पाटी चंपावत
- कुलवीर सिंह चौहान निवासी चांदपुर बिजनौर उप्र (कोचिंग इंस्टीट्यूट डायरेक्टर)
- शूरवीर सिंह चौहान निवासी कालसी देहरादून
- गौरव नेगी निवासी किच्छा उधमसिंहनगर (अध्यापक)