जोधपुर-साबरमती वंदे भारत ट्रेन राजस्थान के जोधपुर और गुजरात के साबरमती के बीच दौड़ेगी
देश में लगातार लोकप्रिय हो रही वंदे भारत एक्सप्रेस हर महीने अलग अलग रूटों पर शुरू की जा रही है। लोकसभा चुनाव 2024 तक 75 अलग अलग रूटों पर वंदे भारत को चलाने के प्लान से रेलवे काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 जून को गोरखपुर से दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। दो सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों में गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस और जोधपुर-साबरमती वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल हैं। जहां गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत एक्सप्रेस बाबा गोरखनाथ की नगरी को भगवान राम की नगरी अयोध्या और नवाबों के शहर लखनऊ से जोड़ेगी, वहीं जोधपुर-साबरमती वंदे भारत एक्सप्रेस राजपूताना शहरों और अहमदाबाद-साबरमती के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करेगी।
जोधपुर-साबरमती वंदे भारत एक्सप्रेस
जोधपुर-साबरमती वंदे भारत ट्रेन राजस्थान के जोधपुर और गुजरात के साबरमती के बीच दौड़ेगी। अजमेर-दिल्ली कैंट वंदे भारत ट्रेन के बाद यह राजस्थान की दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस होगी। जहां तक गुजरात की बात है, वहां पहले से ही मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस है और यह राज्य के लिए भी दूसरी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन होगी।
क्या होगा टाइम टेबल
राजस्थान के जोधपुर से गुजरात के अहमदाबाद के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 453 किलोमीटर की दूरी को छह घंटे से भी कम समय में पूरी कर लेगी। जोधपुर-साबरमती वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन जोधपुर जंक्शन से सुबह 6 बजे खुल सकती है। यह दोपहर 12:05 बजे साबरमती पहुंचेगी। साबरमती से वंदे भारत ट्रेन शाम 4:45 बजे रवाना होगी और रात 10:45 बजे जोधपुर पहुंचेगी। हालांकि, रेलवे ने अभी इस ट्रेन के स्टॉपेज और टाइम टेबल की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। जोधपुर से साबरमती तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस पाली, फालना, आबू रोड, पालनपुर और मेहसाणा जंक्शन पर रुकेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस
वंदे भारत एक्सप्रेस भारत के अलग अलग राज्यों में फर्राटा भर रही है। वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है। 7 जुलाई को इन दो नई ट्रेनों के शामिल होने के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की गिनती में लगातार इजाफा हो रहा है। प्रधानमंत्री ने 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में निर्मित, ट्रेन सेट ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल का प्रतीक है और भारत की इंजीनियरिंग कौशल को प्रदर्शित करता है।