
भारत और चीन गलवान हिंसा के पांच साल से अधिक समय के बाद लोकल लेवल पर बनी चीजों के सीमा व्यापार को फिर से शुरू (भारत-चीन सीमा व्यापार पुनः आरंभ) करने पर चर्चा कर रहे हैं। ये दोनों एशियाई पड़ोसियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम करने के प्रयास में ताजा कदम है।
दोनों पक्षों ने साझा सीमा पर तय बिंदुओं के जरिए कारोबार को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव (भारत-चीन व्यापार वार्ता) रखा है। फिलहाल यह मामला द्विपक्षीय चर्चा के अंतर्गत है। बातचीत के बाद इस पर कोई नतीजा निकलेगा।
चीन संवाद और सहयोग बढ़ाने को तैयार’
चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को कहा गया है कि बीजिंग इस मामले में भारत के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाने को तैयार है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन और भारत के बीच सीमा व्यापार ने लंबे समय से दोनों देशों के बॉर्डर पर रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में काफी अहम भूमिका निभाई है।
ट्रंप टैरिफ का असर
अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने का एक कारण भारत और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बिगड़ते रिश्ते हो सकता है, जिन्होंने भारतीय निर्यात पर 50% तक टैरिफ का ऐलान कर दिया है। ये कई बाकी देशों के मुकाबले बहुत अधिक टैरिफ रेट है।
चीन जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगस्त में ही चीन जाएंगे। ये सात वर्षों में उनकी पहली चीन यात्रा होगी, जहां वे बीजिंग के नेतृत्व वाले क्षेत्रीय सुरक्षा समूह (शंघाई सहयोग संगठन) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मीटिंग करेंगे।
3 दशकों से जारी था कारोबार
भारत और चीन के बीच बीते 3 दशकों से भी ज्यादा समय से बॉर्डर ट्रेड जारी है, जो 3 जगहों पर होता है। जिन चीजों का ट्रेड होता है, उनमें मसाले, कालीन, लकड़ी का फर्नीचर, मवेशियों का चारा, मिट्टी के बर्तन, औषधीय पौधे, बिजली के उपकरण और ऊन शामिल हैं। सरकारी आँकड़ों के अनुसार ये कारोबार 2017-18 में केवल करीब 28 करोड़ रु का रहा था।