
देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, तो कई जगहों पर तो बाढ़ की आशंका भी बनी हुई है। ऐसे में पानी भरने की वजह से मच्छरों का आतंक बढ़ने का खतरा रहता है और डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के मामलों में बढ़ोतरी होने लगती है।
इसलिए मानसून में डेंगू, मलेरिया से बचाव करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि डेंगू और मलेरिया के लक्षण कैसे होते हैं और इनसे बचने के लिए हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
डेंगू- लक्षण और पहचान
डेंगू एक वायरल बीमारी है जो इन्फेक्टेड एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। इसके लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 3-7 दिन बाद दिखाई देते हैं।
देश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है, तो कई जगहों पर तो बाढ़ की आशंका भी बनी हुई है। ऐसे में पानी भरने की वजह से मच्छरों का आतंक बढ़ने का खतरा रहता है और डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के मामलों में बढ़ोतरी होने लगती है।
इसलिए मानसून में डेंगू, मलेरिया से बचाव करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि डेंगू और मलेरिया के लक्षण कैसे होते हैं और इनसे बचने के लिए हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
मुख्य लक्षण-
- तेज बुखार– अचानक 104-105 डिग्री फैरेनहाइट तक तेज बुखार आना।
- सिरदर्द– आंखों के पीछे तेज दर्द होना, जो आंखों को हिलाने पर बढ़ जाता है।
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द– इसे “हड्डीतोड़ बुखार” भी कहा जाता है, क्योंकि शरीर में इतना तेज दर्द होता है जैसे हड्डियां टूट रही हों।
- त्वचा पर रैशेज– बुखार आने के 2-5 दिन बाद शरीर पर लाल रंग के रैशेज निकल आना।
गंभीर स्थिति (डेंगू हेमोरेजिक फीवर) में ये लक्षण भी दिख सकते हैं-
- मसूड़ों या नाक से खून आना।
- उल्टी या मल के साथ खून आना।
- त्वचा के नीचे नील पड़ना।
मलेरिया- लक्षण और पहचान
मलेरिया प्लाज्मोडियम पैरासाइट के कारण होता है, जो इन्फेक्टेड एनोफिलीज मच्छर के काटने से शरीर में प्रवेश लेता है।
मुख्य लक्षण-
- ठंड लगकर तेज बुखार आना- यह मलेरिया का सबसे पहला लक्षण है। इसमें पहले कंपकंपी के साथ ठंड लगती है और उसके बाद तेज बुखार चढ़ता है।
- पसीना आकर बुखार उतरना- तेज बुखार के बाद पसीना आता है और बुखार उतर जाता है।
- सिरदर्द और उल्टी आना।
- शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होना।
- बुखार अक्सर 48 य 72 घंटे के साइकिल में आता है।
डेंगू-मलेरिया से बचाव के तरीके
ये दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने से फैलती हैं, इसलिए बचाव का सबसे कारगर तरीका है मच्छरों से बचाव और उनके प्रजनन को रोकना।
- मच्छरों के प्रजनन को रोकें-
- घर के आस-पास गमलों, पुरे टायरों, खाली बर्तनों, कूलर आदि में पानी जमा न होने दें।
- कूलर, पानी की टंकी और जानवरों और पक्षियों के पीने के पानी के बर्तनों को समय-समय पर खाली करके सुखाएं और फिर भरें।
- घर की छत की नालियों की सफाई करें ताकि उनमें पानी न रुके।
मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं-
- पूरी बाजू के कपड़े पहनें। हल्के रंग के कपड़े पहनना बेहतर है, क्योंकि गहरे रंग मच्छरों को आकर्षित करते हैं।
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
- दिन के समय, खासकर सुबह और शाम के समय, जब मच्छर सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं। इसलिए इस समय ज्यादा सावधानी बरतें।
- डॉक्टर की सलाह से मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।