तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए आज बंद कर दिए गए हैं। इस वर्ष डेढ़ लाख तीर्थयात्रियों ने तुंगनाथ के दर्शन किए हैं।
कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया। इस अवसर पर 500 से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी रहे।
बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की उपस्थिति में साढ़े दस बजे से कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। भोग यज्ञ हवन पूजा के बाद भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया और 11.30 बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।



