टैक्सके नियमों में हुए कई बदलाव, 2019 के लिए जानना है बेहद जरूरी

वित्तीय वर्ष 2018-19 में इनकम टैक्स के नियमों में कई बदलाव किए गए. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2018 का बजट पेश करते हुए नियमों में हुए बड़े बदलाव की घोषणा की थी. इस साल स्टैंडर्ड डिकक्शन को इनकम टैक्स में शामिल किया. इसलिए, जरूरी है कि नए साल के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग अच्छे से की जाए. अगर आप नए नियमों से वाकिफ होंगे तो टैक्स बचाना आसान होगा साथ ही नियमों की अनदेखी भी नहीं होगी. इसके अलावा समय पर रिटर्न फाइल करके आप पेनाल्टी से भी बच सकते हैं.

2018 में इनकम टैक्स के नियमों में क्या बदलाव हुए?

1. इनकम टैक्स रिटर्न में देरी
नए साल में टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी करने पर आपको पेनाल्टी भरना होगा. पेनाल्टी एक हजार रुपये से लेकर 10 हजार के बीच हो सकता है.

2. इनकम टैक्स रिटर्न में सुधार
अगर टैक्स रिटर्न भरने में किसी तरह की गलती हुई है तो उसे उसी फाइनेंशियल ईयर में सुधारना होगा. इसलिए, अगर आपने टैक्स रिटर्न फाइल में कोई गलती की है तो 31 मार्च 2019 से पहले उसे ठीक कर लें.

3. सीनियर सिटिजन को राहत
सीनियर सिटिजन को आयकर कानून की धारा 80टीटीबी के तहत ब्याज से होने वाली 50000 रुपये तक की आय पर टीडीएस नहीं देना होगा. इस तरह आयकर रिटर्न भरते समय इस बात का ध्यान रखा जा सकता है और अगर बैंक ने ये राशि काट ली हो तो रिटर्न फाइल करके इसे वापस पाया जा सकता है.

4. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अहम बदलाव किए गए हैं. NPS विदड्रॉल को टैक्स फ्री कर दिया गया है. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि शेष 40% राशि का इस्तेमाल पेंशन लेने के लिए किया जाए. पहले इस पर आंशिक रूप से टैक्स लगता था.

5. स्टैंडर्ड डिडक्शन 
इस साल सरकार ने एक बार फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन की पेशकश की है. हालांकि इसके बदले मेडिकल खर्च और ट्रांसपोर्ट अलाउंस को हटा दिया गया है. अब आप टैक्स रिटर्न भरते समय 40000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.

6. सेस में बढ़ोतरी
आयकर पर सेस में इस साल 1% की वृद्धि की गई है. पहले 3% सेस लगता था, जबकि इस साल इसे बढ़ाकर 4% कर दिया गया है. सेस में हुई इस बढ़ोतरी से मिली राशि को शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए खर्च किया जाएगा.

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