आज़ादी के 70 साल बाद भी आज़ाद नहीं है भारत का ये गांव
सन 1947 में हमारे देश को अगेंजों की गुलामी से आजादी मिली थी. ये सभी जानते हैं और इसी कारण से सभी लोग आज अपने हिसाब से जीवन जीते हैं. लेकिन भारत में ही एक गांव ऐसा है जहां पर आज भी लोग आज़ाद नहीं है. जी हाँ, आज हम ऐसे ही गांव की बात कर रहे हैं जहां पर आजादी के 70 साल बाद भी गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ है. इतना ही नहीं यह गांव अपने आपको गुलाम मानता रहा है. आइये जानते हैं उस गांव के बारे में.
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आजादी के 70 साल में भी यहां पर कभी तिरंगा नही फहराया गया है. इस गांव का नाम है रोहनात है. जो हरियाणा मे स्थित है. बता दें कि इस गांव की आबादी करीब चार हजार के आसपास है. मामले को लेकर गांव के लोगों को कहना है कि 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ था तो यहां के ग्रामीणों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. पर उस समय मे जीत अग्रेजों की हुई थी. जिसके बाद अग्रेंज सरकार ने अपना बदला लेने के लिए यहां पर काफी खून बहा. साथ ही महिलाओ पर कई तरह के अत्याचार किए गए. जिसके बाद लोग कुए में कूद गए.
इतना ही नहीं गांव के लोगों को सरेआम बरगद के पेड़ पर फांसी दे दी गई. बता दें कि इस गांव का वह कुआ आज भी मौजूद है जो अंग्रेजों के अत्याचारों की गवाही देता है. इतने पर बह बस नहीं हुआ, इसके बाद जो लोग यहां पर बचे उनको निलाम कर दिया गया. साथ ही उन लोगों की जमीन को भी बेच दिया गया. आज भी सरकारी रिकार्ड में इन लोगों की जमीन को निलाम के नाम से दर्शाया गया है. जिसके बाद यहां क लोगों की मांग है कि उनके जमीन के रिकार्ड को निलामी से हटाया जाए. उसके बाद ही वह मानेंगे की वह आजाद है.