आयकर भरने वालों की संख्या में आई 6.60 लाख से अधिक की गिरावट
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान ऑनलाइन आयकर भरने वाले लोगों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से 6.60 लाख से अधिक की गिरावट आयी है। विश्लेषकों का कहना है कि यह टैक्स फाइलिंग के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है, जबकि नोटबंदी के बाद टैक्स बेस के बढ़ने की उम्मीद थी।
आयकर विभाग की ऑनलाइन आयकर भरने वाली वेबसाइट पर डाले गये आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। वित्त वर्ष 2017-18 में 6.74 करोड़ लोगों ने ऑनलाइन आयकर भरा था। वित्त वर्ष 2018-19 में इनकी संख्या 6.68 करोड़ पर आ गई। इससे पहले 2016-17 में इनकी संख्या 5.28 करोड़ रही थी। कोटक इकोनॉमिक रिसर्च ने 30 अप्रैल को जारी एक रिपोर्ट में इस बारे में हैरानी व्यक्त की। उसने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2018-19 में ऑनलाइन आयकर भरने वालों की संख्या में गिरावट आने से हम हैरान हैं।’’
इसमे आगे कहा गया, “अगर ITR फाइलिंग की यही दशा रही तो यह राजकोषीय चिंता की बात होगी जिसका फोकस धीरे-धीरे क्षतिपूर्ति खर्चों पर बढ़ रहा है। यह चौकाने वाला है क्योंकि यह उम्मीद की जा रही थी कि नोटबंदी के बाद टैक्स आधार बढ़ता जाएगा।”
हालांकि पंजीकृत आयकरदाताओं की संख्या में इस दौरान तेजी आई है। इनकी संख्या 15 फीसद बढ़कर 31 मार्च 2019 तक 8.45 करोड़ पर पहुंच गई। मार्च 2013 में पंजीकृत आयकर दाताओं की संख्या महज 2.70 करोड़ थी जो मार्च 2016 में 5.20 करोड़ और मार्च 2017 में 6.20 करोड़ पर पहुंच गई।