जूतों की ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त ध्यान दें इन जरूरी पॉइंट्स पर
ऑनलाइन श़ॉपिगं आज के समय का सबसे असान और सहज तरीका बन चुका है इससे समय की बचत के साथ घर बैठे आपके प्रोडेक्ट आपके पास आ जाते है। सबसे खास बात ये है कि इसमें आपको ढेरों वैरायटी देखने को मिल जाती है। जिसके चलते बड़ी ही असानी के सात आपकी मनपसंदीदा चीज आपके पास आ जाती है। लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग में जितनी सहूलियत है उतनी दिक्कतें भी हैं, खासतौर पर फुटवियर की खरीददारी के समय में। ऑनलाइन फुटवियर खरीदना बेहद पेचीदा काम है। इसलिए आज हम आपके लिए शूज खरीदने के कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इन टिप्स के बारे में।
सही साइज का चुनाव
ऑनलाइन शूज लेते समय सबसे बड़ी समस्या आती है सही साइज की। इसलिए साइज से जुड़ी गाइडलाइन पर हमेशा ध्यान देना चाहिये। क्योकि हर ब्रांड के साथ देश के हिसाब से भी जूतों के साइज में फर्क होता है। इसके लिए हर ब्रांड की साइज नापने की जो गाइडलाइन होती है उसे ध्यान से पढ़ें।
फैशन नहीं कंफर्ट पहले देखें
ऑनलाइन शूज की शॉपिंग में आपके सामने काफी वैराइटी देखने को मिलती है। लेकिन आपको ऐसे फुटवियर का चयन करना चाहिये जो आपके पैरों को सबसे ज्यादा सूट करें। शूज खरीदते समय फैशन से ज्यादा कंफर्ट का ध्यान रखें।
प्रॉडक्ट स्पेसिफिकेशन
ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप जो जूते खरीद रहे हैं उसका मटीरियल, ऊंचाई, आपके लिए कम्फर्टेबले है या नहीं। यदि आपके मन में उस प्रोडक्टेड को लेकर किसी भी प्रकार की कोई आशंका हो रही है तो खरीदने से पहले कस्टमर केयर में बात करें।
पहले घर पर ही करें ट्रायल
फुटवियर के आने के बाद आप सीधे सड़क पर न चले। ऑर्डर आ जाने पर आप पहले घर पर चलकर पूरी तरह से परख लें। कुछ दिक्कत आती है तो इसे आप वापस कर सकते हैं। सड़क पर जाने से फुटवियर गंदे होने पर वापस करने में भी दिक्कत आ सकती है।
रिव्यू भी देखें
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय कस्टमर के रिव्यू और प्रोडक्ट की रेटिंग जरूर देखें। इसमें दिये गए रिव्यू कस्मर के द्वारा ही दिये गए होते है। जो इससे सतुंष्ट या फिर असतुंष्ट रहते है।
कंपनी की शर्तों को ढंग से समझें
ऑनलाइन शॉपिंग में अक्सर कंपनियां 500 रु. से ज्यादा की खरीदारी पर फ्री डिलिवरी का ऑफर देती हैं। जिससे कस्टमर इसे फायदेमंद मानता है। लेकिन इसमें फ्री डिलिवरी के साथ ही कुछ शर्तें भी लिखी रहती हैं, जिन पर कस्टमर ध्यान नहीं देते और जिसकी वजह से बाद में आपको अतिरिक्त कीमत चुकानी पड़ती है। जानकारी के लिये बता दें कि ये वो चार्ज होते हैं जो कस्टमर को लुभाने के लिए शुरू में बताए ही नहीं जाते।