बीएचयू में सिंह द्वार से निकले ताजिये के जुलूस को लेकर बीएचयू परिसर का माहौल गर्माया
छित्तूपुर गेट से बीएचयू परिसर में विधि संकाय, एमएमवी होते हुए सिंह द्वार से निकले ताजिये के जुलूस को लेकर बीएचयू परिसर का माहौल मंगलवार को गर्माया रहा। विवि प्रशासन पर नई परंपरा शुरू करने का आरोप लगाते हुए कुछ छात्र चीफ प्राक्टर कार्यालय परिसर में धरने पर भी बैठ गए। दरअसल विवाद की शुरुआत बीएचयू अस्पताल से जुड़े एक पूर्व अधिकारी के पोस्ट से हुई। दोपहर बाद उन्होंने चार तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि ‘आज पहली बार, जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय सिंह द्वार से ताजिया निकला तो इतिहास कायम हो गया।’ जबकि बीएचयू चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओपी राय के मुताबिक ताजिया निकालने की परंपरा कई दशक पुरानी है, जिसका रिकार्ड न सिर्फ बीएचयू, बल्कि पुलिस के पास भी है।
बीएचयू चौकी प्रभारी अमरेंद्र पांडेय के अनुसार थाने के त्योहार रजिस्टर में छित्तूपुर गेट से बीएचयू परिसर में विधि संकाय, एमएमवी होते हुए सिंह द्वार से निकलने वाली ताजिया दर्ज है। बावजूद इसके पूर्व अधिकारी के पोस्ट पर न सिर्फ नकारात्मक कमेंट की बौछार होने लगी, बल्कि शाम होते ही कुछ छात्र बीएचयू प्रशासन पर नई परंपरा शुरू करने का आरोप लगाते धरने पर भी बैठ गए। इस पर पुलिस के साथ ही चीफ प्राक्टर ने स्थिति स्पष्ट की। करीब तीन घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद छात्रों ने चीफ प्राक्टर को ज्ञापन सौंपने के साथ धरना समाप्त किया।
बोले प्राक्टर – विवि परिसर से होकर पहले भी ताजिया निकलता रहा है। छात्रों की बातों को सुनते हुए उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत भी करा दिया गया है। – प्रो. ओपी राय, चीफ प्राक्टर-बीएचयू
बोले चौकी प्रभारी – ताजिया निकालने की परंपरा नई नहीं है। हर साल थाने के त्योहार रजिस्टर में यह दर्ज है। – अमरेंद्र पांडेय, चौकी प्रभारी-बीएचयू