ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले आठ पुलिसकर्मियों के परिजनों को मिलेंगे एक-एक करोड़ रुपये
ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के आठ जवानों के परिजनों को दिल्ली सरकार एक-एक करोड़ रुपये देगी। यह फैसला दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में हुई मंत्रियों की बैठक में लिया गया। इस बैठक में शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत भी मौजूद थे।
जिन आठ पुलिसकर्मियों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने की मंजूरी दी गई है, उनमें एएसआइ विजय सिंह, एएसआइ जितेंद्र, एएसआइ महावीर सिंह, हेड कांस्टेबल गुलजारी लाल, हेड कांस्टेबल राज पाल सिंह कसाना, एसआइ खजान सिंह, एएसआइ (भूतपूर्व) धर्मबीर सिंह और कांस्टेबल अमरपाल का परिवार शामिल है। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया इन शोक संतप्त परिवारों को तुरंत सहायता राशि दी जाए।
बदमाशों की गोली से मारे गए थे एसआइ विजय सिंह
एएसआइ विजय सिंह दिल्ली हाईकोर्ट की आदेशानुसार भूपेंद्र सिंह के सुरक्षा अधिकारी के रूप में तैनात थे। जब वह भूपेंद्र सिंह के साथ 30 अप्रैल 2019 को जा रहे थे तब मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी, जिसमें वह घायल हो गए और बाद में अपने प्राण त्याग दिए।
एएसआइ जितेंद्र सिंह ने यातायात ड्यूटी में गंवाई जान
एएसआइ जितेंद्र सिंह 13 नंवबर 2018 को ड्यूटी पर थे। जब उन्होंने यातायात नियम तोड़ रहे टेंपो चालक को रोकने की कोशिश की तो चालक ने सिंह के ऊपर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। ऐसे में वह टेंपो के हैंडिल पर जूझते रहे और अंत में गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिससे उनकी जान चली गई।
बैरिकेड तोड़ते हुए कार ने महावीर को मार दी थी टक्कर
एएसआइ महावीर सिंह 12 जुलाई 2018 को शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच कर रहे थे। उन्होंने एक कार चालक को रोकने का प्रयास किया। लेकिन कार चालक ने बैरिकेड तोड़ते हुए महावीर सिंह को टक्कर मार दी। दुर्घटना में घायल सिंह बाद में शहीद हो गए।
उड़कर बैरिकेड लगा, अस्पताल में मौत
हेड कांस्टेबल गुलजारी लाल द्वारका अंडरपास पर 7 जनवरी 2019 को पिकेट ड्यूटी पर थे। तभी एक तेज रफ्तार कार बैरिकेड को टक्कर मारते हुए भाग गई। उड़ता हुआ बैरिकेड गुलजारी लाल को जा लगा, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया।
गुमशुदा बच्चों की तलाश में गए लौटकर नहीं आए
गुमशुदा बच्चों की तलाश में 20 अक्टूबर 2017 को झज्जर गए हुए एसआइ खजान सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी।
गैंग की खुफिया जानकारी जुटा रहे थे, दुर्घटना में गई जान
एएसआइ धर्मबीर सिंह 20 अक्टूबर 2017 को बदमाशों के एक गैंग के बारे में खुफिया जानकारी जुटा रहे थे। इस दौरान सड़क दुर्घटना में उनकी जान चली गई थी। धर्मबीर दिल्ली पुलिस के जांबाज जवान थे।
केस की छानबीन के दौरान हुए घायल, फिर हो गई मौत
कांस्टेबल अमरपाल जब 21 दिसंबर 2017 को एक मामले की छानबीन करने में जुटे थे तभी वह सड़क दुर्घटना में घायल हो गए और अपने प्राण त्याग दिए थे। उनका कार्यकाल बेहद सराहनीय रहा था।
हथियारों के सप्लायर का पीछा करते गई जान
हेड कांस्टेबल राजपाल कसाना 14 जनवरी 2019 को हथियार सप्लायरों का पीछा कर रहे थे। तभी बदमाशों ने कार से बाइक में टक्कर मार दी थी। इसमें उनकी मौत हो गई थी।
बलिदान का कोई मोल नहीं
देश की सेवा करते हुए प्राण न्यौछावर करने वालों के बलिदान का कोई मोल नहीं होता। यह बात मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कही। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि दिल्ली सरकार हर उस शहीद जवान के परिवार को एक करोड़ की सम्मान राशि देती है, जो देश की सेवा में खुद को समर्पित कर देता है। बलिदान का कोई मोल नहीं, लेकिन सरकार उनके परिवार की जिम्मेदारी तो ले सकती है।