हिन्दू कैलेंडर का नया महीना मार्गशीर्ष आज 13 नवंबर से हुआ प्रारंभ, पहले सप्ताह में हैं संकष्टी गणेश चतुर्थी, काल भैरव जयंती
हिन्दू कैलेंडर का नया महीना मार्गशीर्ष आज 13 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिप्रदा है। मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का नौवां महीना है। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है, इसलिए इस मास का नाम मार्गशीर्ष पड़ा है। मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है। इससे पूर्व कार्तिक मास का समापन 12 नवंबर को पूर्णिमा के दिन हो गया।
श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मार्गशीर्ष मास स्वयं मेरा ही स्वरूप है। इस माह में नदी स्नान से समस्त पापों का नाश होता हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। एक बार गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा था कि कोई व्यक्ति आपको कैसे प्राप्त कर सकता है? इस पर श्रीकृष्ण ने उनको बताया था कि मार्गशीर्ष मास में यदि कोई यमुना में स्नान करे तो वह उनको आसानी से प्राप्त कर सकता है। इसके बाद से ही मार्गशीर्ष मास में नदी में स्नान की परंपरा बन गई।
मार्गशीर्ष मास में स्नान के समय पानी में तुलसी का पत्ता डालकर स्नान करना चाहिए। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करें या फिर गायत्री मंत्र का स्मरण कर सकते हैं।
आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष के पहले सप्ताह में कौन-कौन से प्रमुख व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं।
मार्गशीर्ष मास: प्रथम सप्ताह के व्रत एवं त्योहार
13 नवंबर– बुधवार: मार्गशीर्ष प्रारंभ, यह हिन्दू पंचांग का 9वां मास है।
14 नवंबर– गुरुवार: रोहिणी व्रत।
15 नवंबर– शुक्रवार: संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी।
17 नवंबर– रविवार: वृश्चिक संक्रांति।
19 नवंबर– मंगलवार: काल भैरव जयंती।
आज का पंचांग
तारीख: 13 नवंबर 2019
दिन: बुधवार, मार्गशीर्ष मास, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा।
सूर्योदय: 06 बजकर 46 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम को 05 बजकर 25 मिनट पर।
चंद्रोदय: शाम को 06 बजकर 15 मिनट से।
प्रतिपदा तिथि का समापन: शाम को 07 बजकर 42 मिनट पर।
आज का दिशाशूल: उत्तर दिशा।
आज का राहुकाल: मध्याह्न 12:00 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक।
आज का व्रत: अशून्य शयन द्वितीया।