करीब पांच-छह सौ किसानों ने यूपीसीडा के अधिकारियों का घेराव कर जमकर नारेबाजी कर की तोड़फोड़
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के ड्रीम प्रोजेक्ट उन्नाव ट्रांस गंगा सिटी में शनिवार को मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने आपा खो दिया। यहां पर किसान सड़क पर उतरे और जमकर उपद्रव किया। किसानों ने जेसीबी, कार और बस में तोड़फोड़ की। इसके बाद 13 थानों की फोर्स ने मौके पर मोर्चा संभाला। फिलहाल डीएम देवेंद्र कुमार पाण्डेय किसान नेताओं के साथ वार्ता कर रहे हैं।
ट्रांस गंगा सिटी में मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन यहां भड़क गया। करीब पांच-छह सौ किसानों ने यूपीसीडा के अधिकारियों का घेराव कर जमकर नारेबाजी कर तोड़फोड़ की। इस दौरान बस, कार और एक जेसीबी को तोड़ दिया गया। तोड़फोड़ से जेसीबी चालक घायल हो गया। किसानों ने सड़क पर हंगामा करने के साथ आगजनी की कोशिश की गई। किसानों के बेकाबू होने पर एक प्लाटून पीएसी के साथ 13 थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर पहुंच गया। वहीं काम करने आए मजदूरों को यूपीसीडा के कार्यालय में बैठा दिया गया है।
किसान नेता हरेंद्र निगम व सुरेंद्र यादव के नेतृत्व में किसानों ने ट्रांस गंगा सिटी पर हल्ला बोल आंदोलन शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद यूपीसीडा का चीफ इंजीनियर संदीप चंंद्रा का किसानों ने घेराव कर काम बंद कराने के लिए मजदूरों को खदेडऩा शुरू कर दिया।
किसानों के आक्रोश को देख यूपीसीडा के अधिकारियों को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद किसानों ने ट्रांस गंगा सिटी परिसर को घेर लिया तथा जमकर तोड़फोड़ की। इस मामले की जानकारी डीएम देवेंद्र कुमार पाण्डेय को दी गई। जिसके बाद 13 थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर भेजा गया। इसके साथ ही पीएसी भी पहुंची। इसके बाद किसान काबू में आ सके।
ट्रांस गंगा सिटी में घुसे आंदोलनकारी किसानों को पुलिस ने बाहर निकाला। इस पर किसान सड़क पर जमा हो गए जिससे गंगा बैराज जाने वाली सड़क पर जाम लग गया।
यूपीसीडा के चीफ इंजीनियर संदीप चंद्र ने बताया कि शुक्रवार को डीएम से बैठक के बाद शनिवार से निर्माण कार्य शुरू होना था। इसके लिए मजदूरों को लाया गया है, लेकिन किसानों के आंदोलन के कारण काम शुरू नहीं हो सका है।