लखनऊ विश्वविद्यालय ने को पीएचडी सीटों का ब्योरा कर दिया जारी….
लखनऊ विश्वविद्यालय ने मंगलवार देर शाम को पीएचडी सीटों का ब्योरा जारी कर दिया। विवि प्रशासन द्वारा लविवि के संकाय व कॉलेज वार अलग-अलग सीटें तय करते हुए अंतिम सूची जारी कर दी है। इसके तहत कला संकाय में 243, विज्ञान संकाय में 144, वाणिज्य संकाय में 41, विधि संकाय में 38, शिक्षा संकाय में 5, फाइन आर्टस संकाय में 7 सीटें कुल 478 सीटों पर आवेदन लिया जाएगा। लविवि प्रवक्ता के मुताबिक छात्र 20 की शाम से आवेदन कर सकेंगे।
एआइएच में 4, मनोविज्ञान में 3, अरेबिक में 21, अंग्रेजी में लविवि को 10 कॉलेज को 11, फ्रेंच में दो, हिंदी में लविवि को 17 कॉलेज को 21, मध्यकालीन एवं भारतीय इतिहास में 3, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में 2, ज्योतिर्विज्ञान विभाग में शून्य, संस्कृत एवं प्राकृतभाषा में 10, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में 2, भाषा विज्ञान में 2, प्राच्य संस्कृत में 4, फारसी में 10, दर्शनशास्त्र में 16, राजनीति शास्त्र में 7, समाजकार्य में 8, मनोविज्ञान लोकप्रशासन में 7, लोकप्रशासन 2, समाजशास्त्र में लविवि में 3 और कॉलेज में 37, उर्दू विभाग में 7, पाश्चात्य इतिहास में 1, रक्षा अध्ययन में शून्य, गृह विज्ञान में 8, अर्थशास्त्र में 8, भूगोल शून्य, शारीरिक शिक्षा 9, महिला अध्ययन शून्य है।
इसी तरह जीव रसायन में 6, वनस्पति विज्ञान में 16, रसायन विज्ञान में लविवि में 11 और कॉलेज में 12, गणित में 15, भौतिक विज्ञान में लविवि में 42 और कॉलेज में दो, सांख्यिकी में लविवि में 8, प्राणिविज्ञान में 22 और भूगर्भ विज्ञान में 10 सीटें तय हुई हैं।
वाणिज्य संकाय के तहत व्यवहारिक अर्थशास्त्र में लविवि में 12 व कॉलेज में दो, व्यापार प्रशासन में 6, वाणिज्य में लविवि में 3 और कॉलेज में 18 सीटें तय हैं। विधि संकाय में लविवि में 38, शिक्षा संकाय में 5, ललित कला संकाय में 7, व्यापारिक कला में शून्य सीटें निर्धारित हैं।
70 की होगी लिखित व 30 की मौखिक परीक्षा
पीएचडी प्रवेश के मूल्यांकन को लेकर इस बार बदलाव किया गया है। इस बार 70 अंक लिखित परीक्षा और 30 अंक मौखिक परीक्षा के आधार पर दिए जाएंगे। पिछले वर्ष की तरह, पेपर दो भागों में होगा। आवेदन का शुल्क सामान्य व ओबीसी के लिए 2,000 रुपये और एससी-एसटी के लिए 1,000 रुपये निर्धारित किया गया है। शोध पद्धति के पेपर को संकायवार अलग-अलग किए जाने का निर्णय लिया गया ह।