दिल्ली सरकार ने लिया बड़ा फैसला, बाहरी मरीजों का राज्य के अस्पतालों में नहीं होगा इलाज

 दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए साफ कर दिया है कि बाहरी मरीजों का इलाज अब राज्य सरकार के अस्पतालों में नहीं होगा। दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में अब सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा। केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र वाले अस्पतालों जैसे एम्स समेत अन्य में कोई भी मरीज इलाज करा सकता है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने फैसला लिया है कि राज्य सरकार के अस्पताल अब दिल्ली के लोगों के लिए होंगे। केंद्र सरकार के अस्पताल में कोई भी इलाज करा सकता है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों के अस्पतालों में 10,000- 10,000 बेड हैं।

कोरोना के बढ़ते मामले के कारण सरकार ने लिया फैसला

सीएम केजरीवाल ने बताया कि मार्च के महीने तक दिल्ली के सारे अस्पताल पूरे देश के लोगों के लिए खुले रहे। किसी भी समय हमारे दिल्ली के अस्पतालों में 60 से 70 फ़ीसदी लोग दिल्ली से बाहर के थे। लेकिन कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं ऐसे में आप की सरकार बेड का इंतजाम कर रही है।

केजरीवाल ने कहा कि ऐसे में अगर दिल्ली के अस्पताल बाहर वालों के लिए खोल दिए तो दिल्ली वालों का क्या होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 90 फ़ीसदी लोगों ने कहा कि जब तक कोरोना मामले हैं तब तक दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों का इलाज हो। पांच डॉक्टर की एक कमेटी बनाई थी उसने अपनी रिपोर्ट दी है। कमेटी ने कहा है कि जून अंत तक दिल्ली को 15,000 बेड की ज़रूरत होगी। उनका यह कहना है कि फिलहाल दिल्ली के अस्पताल दिल्ली वासियों के लिए होने चाहिए बाहर वालों के लिए नहीं अगर बाहर वालों के लिए खोल दिया तो 3 दिन में सब बेड भर जाएंगे।

प्राइवेट अस्पतालों में भी सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज

अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया कि दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल भी अब सिर्फ दिल्लीवासियों के इलाज करेंगे। हालांकि खास तरह के ट्रीटमेंट वाले अस्पताल दिल्ली के बाहर के लोगों का इलाज कर सकेंगे। सीएम ने कहा कि तेजी से बढ़ते कोरोना मामला देखते हुए आने वाले समय में होटल और बैंक्वेट हॉल को हॉस्पिटल के साथ अटैच करना पड़ सकता है। इसलिए दिल्ली में होटल और बैंक्वेट हॉल नहीं खुलेंगे।

बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोरोना का सामना करने के लिए डॉ महेश वर्मा के नेतृत्व में दो मई को डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम बनाई थी। समिति से कहा गया था कि अस्पतालों की स्थिति समेत अन्य मामलों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करें। अब समिति ने यह रिपोर्ट सरकार को सौप दी है। इसमें कहा गया है कि जून के अंत दिल्ली में कोरोना के एक लाख तक मामले हो सकते हैं। इसके लिए सरकार को 15 हजार बेड की जरुरत पड़ेगी।

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