एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के ट्रायल पर रोक लगना ‘वेक-अप कॉल’, लेकिन रिसर्चर न हों निराश: WHO चीफ साइंटिस्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना वैक्सीन एस्ट्राजेनेका के ट्रायल रुकने को वेक-अप कॉल बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे रिसर्चर्स को निराश नहीं होना चाहिए. ट्रायल में शामिल एक व्यक्ति के बीमार होने के बाद एस्ट्राजेनेका के ट्रायल को रोक दिया गया था.
सौम्या स्वामीनाथन ने गुरुवार को जिनेवा से एक वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा, “यह, इस बात को पहचानने के लिए एक वेक-अप कॉल है कि क्लीनिकल डेवलपमेंट में उतार-चढ़ाव हैं और हमें तैयार रहना होगा.” उन्होंने कहा कि “हमें हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है. ये चीजें होती हैं.”
विश्वभर में कोविड-19 के कारण 900,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और सरकारें इस महामारी को खत्म करने में मदद के लिए एक वैक्सीन का इंतजार कर रही हैं. डब्ल्यूएचओ ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित किए जा रहे एस्ट्राजेनेका को हरी झंडी दिखाई और उससे सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. हालांकि इस सप्ताह ट्रायल में शामिल ब्रिटेन में एक व्यक्ति के न्यूरोलॉजिकल सिम्टम्स आने के बाद कंपनी ने इसके ट्रायल को रोक दिया है.
डब्लूएचओ के इमरजेंसी ऑपरेशंस हैड माइक रयान ने कहा कि “यह, इस वायरस के खिलाफ एक रेस है और यह जान बचाने की रेस है. यह कंपनियों के बीच की रेस नहीं है और यह न ही देशों के बीच की रेस है,”
डब्ल्यूएचओ के महामारी विशेषज्ञ मारिया वान केरखोव ने कहा कि यूरोप में मामलों की जल्द पहचान और बेहतर देखभाल के कारण मृत्यु दर कम रही है. उन्होंने कहा “हम वायरस को कमजोर इम्युनिटी वाली आबादी को संक्रमित करने से रोकने के लिए बेहतर स्थिति में हैं.” हालांकि, बीमारी के लॉन्ग टर्म इफैक्ट का अभी भी पता नहीं है.
वहीं, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने महामारी से लड़ने के लिए फंड रेजिंग को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रिया पर कमेंट करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि एकजुटता की कमी है और इससे वायरस अधिक फैल रहा है.