इन तारीखों में भूलकर भी ना लें कर्जा, वरना…
ऋण अर्थात कर्ज मानव के जीवन के अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं। प्राचीन काल में लोग केवल विवाह अथवा जमीन खरीदने के लिए ही किसी साहूकार से कर्ज लिया करते थे। बैंकों के खुलने के साथ ही अब कर्ज लेना एक आम बात हो गई है। कर्ज पर मकान बनाना, कर्ज पर गाड़ी लेना, कर्ज पर घर मेंटीनेंस कराना, यानी आज का व्यक्ति पूरी तरह से किसी ना किसी तरह कर्ज के चक्व्यूह में फंसा हुआ है। कुछ लोग तो बहुत आवश्यकता होने पर ही कर्ज लेते हैं और कुछ अनावश्यक रूप से भी कर्ज लेकर अपने को बड़ा दिखाने का प्रयास करते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देंखे तो छठा भाव रोग, ऋण और शत्रु का होता है। छठे स्थान में राहु छठे स्थान में राहु के साथ मंगल शनि अथवा बुध का प्रभाव हो ऐसा, व्यक्ति बहुत अनावश्यक खर्च करने वाला होता है और जीवनभर ऋणी बना रहता है और कर्ज छूटता नहीं है। शनि मंगल की छठे या 12 वें स्थान में शत्रु राशि पर युति हो तो व्यक्ति को कर्ज के मामले में बार-बार अपमानित होना पड़ता है।
सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को को ही कर्ज लें। इन दिनों में लिया हुआ कर्ज जल्दी चूक जाता है। शनिवार, रविवार, बृहस्पतिवार और मंगलवार को कर्ज ना ले। इन दिनों में लिया कर बहुत मुश्किल से अदा होता है। कभी-कभी होता भी नहीं है। कर्जा चुकाने के लिए शनिवार, रविवार ,मंगलवार और गुरुवार शुभ होते हैं। किसी भी महीने की 8,17 और 26 तारीख को कर्ज न लें, क्योंकि इन तिथियों का मूलांक 8 होता है और आठ अंक के स्वामी शनि होते हैं। इन तिथियों में लिया हुआ कर्ज भी बड़ी मुश्किल से चूकता है। कर्ज के पेपर या कागजात पर काले पेन से न तो लिखें और ना ही हस्ताक्षर करें। कर्ज के पेपर पर हस्ताक्षर करने से पहले इस मंत्र को मन में पढ़ें। ’त्वदीयं वस्तु गोविन्दम् तुभ्यमेव समर्पयेत।’ इस मंत्र के जाप के प्रभाव से आप का लिया हुआ कर्ज जल्दी चूक जाता है। यदि कर्ज जरूरत से ज्यादा हो गया हो और लाख उपाय करने पर भी कर्ज चूक नहीं रहा हो तो मंगलवार को मध्य रात्रि में हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष बैठें और उनके सामने चमेली के तेल का दिया जलाएं और इस विशेष मंत्र का जाप करें-’हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट।’ इसी मंत्र का लगातार 11, 21 या 51 मंगलवार को करते रहे। इसके प्रभाव से आपको कर्ज मुक्ति के साथ-साथ आपकी आय भी बढ़ेगी।