यूपी में पंचायत चुनाव चार चरणों में 15 से 30 अप्रैल के बीच कराए जा सकते : सूत्र

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का इंतजार थोड़ा बढ़ सकता है। ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत के चुनाव अब मार्च के बजाय अप्रैल में होने की संभावना है। इसकी प्रक्रिया 19 मार्च को प्रदेश सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरा होने के बाद प्रारंभ हो सकती है।


चुनाव चार चरणों में 15 से 30 अप्रैल के बीच कराए जा सकते हैं। एकाध चरण का मतदान मई में भी जा सकता है। त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) के आरक्षण की नीति का शासनादेश 15 फरवरी तक जारी हो सकता है।

राज्य सरकार की मंशा पहले फरवरी के तीसरे सप्ताह से चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ कराकर 20 मार्च से 10 अप्रैल के बीच चुनाव संपन्न कराने की थी। इस पूर्व अनुमानित कार्यक्रम को लगभग एक माह आगे बढ़ाने की तैयारी है। अब मार्च के तीसरे सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम जारी कराकर अप्रैल के अंत तक मतदान कराए जा सकते हैं।

सूत्रों के मुताबिक इस चुनाव के लिए आरक्षण नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह 15 फरवरी के आसपास इसका शासनादेश जारी कर सकते हैं। आरक्षण की व्यवस्था चक्रानुक्रम में रहेगी। इसमें यह शर्त जोड़ी जा सकती है कि यदि कोई सीट 2015 में अनुसूचित जाति या पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित थी तो इस बार यथासंभव इन वर्गों के लिए आरक्षित न की जाए।

चुनाव आगे बढ़ाने के पीछे दो कारण माने जा रहे हैं। पहला यह कि 19 मार्च को राज्य सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरे हो रहे हैं। सरकार की मंशा चार साल की उपलब्धियों का जश्न मनाने और उन्हें जनता के बीच ले जाने की है। इसके लिए सरकार और भाजपा संगठन, दोनों ही स्तर पर अभियान चलाने की योजना है। फरवरी के तीसरे सप्ताह में चुनाव कार्यक्रम जारी हुआ तो आचार संहिता लगने से सरकार यह जश्न नहीं मना पाएगी।

दूसरी वजह किसान आंदोलन माना जा रहा है। पश्चिमी यूपी के गांवों की दिल्ली के किसान आंदोलन में भागीदारी रही है। इसका असर चुनाव पर न पड़े, सरकार इस पर भी विचार कर रही है। समय मिलने पर आंदोलन से पनपी नाराजगी दूर कर ली जाएगी।

ग्राम पंचायतों में 24 दिसंबर की आधी रात को छह माह के लिए प्रशासक तैनात किए गए हैं। इस लिहाज से राज्य सरकार को 24 जून तक ग्राम पंचायतों की चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी है। इसी बार ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत चुनाव एक साथ होंगे।

चुनाव में इस बार 8,69,814 प्रतिनिधि चुने जाएंगे। इनमें 75 जिला पंचायत अध्यक्ष, 826 ब्लॉक प्रमुख, 58194 ग्राम प्रधान, 75855 बीडीसी सदस्य, 3051 जिला पंचायत सदस्य और 7,31,813 ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। निर्वाचित होने वाले पंचायत प्रतिनिधियों की तादाद पिछले चुनाव की तुलना में 15640 कम रहेगी।

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