टिकैत ने किया बड़ा ऐलान…6 फरवरी को दिल्ली-NCR में नहीं होगा चक्का जाम
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर आजतक से बात की. राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन कभी कमजोर नहीं हुआ, लगातार हमारी लड़ाई जारी है. राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा दिल्ली घेरने का प्लान नहीं है, लेकिन हम किसी दबाव में नहीं झुकेंगे.
आंदोलन के वक्त भावुक होने पर राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस जबरदस्ती प्रदर्शनस्थल खाली करवाना चाहती थी, लेकिन पुलिस पीछे रही और उसके गुंडे आगे रहे. पुलिस अगर हमें उठाएगी तो दिक्कत नहीं है, लेकिन गुंडे आगे क्यों आ रहे हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत बोले कि किसानों-जवानों को जो भिड़ाया गया, वो गलत था. अगर सरकार चाहती है कि दबाव में आंदोलन खत्म हो जाएगा, तो वैसा नहीं होगा. बातचीत से ही आंदोलन खत्म होगा, हम अपने मुद्दों पर अड़े हुए हैं. दिल्ली में घुसने का हमारा अब कोई प्लान नहीं है.
6 फरवरी के चक्के जाम को लेकर राकेश टिकैत ने बयान दिया कि दिल्ली-एनसीआर के पास ऐसा कुछ नहीं होगा. किसान अपनी-अपनी जगहों पर सड़क बंद करेंगे और प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे. दिल्ली की सीमाओं पर लगी बैरिकेडिंग और कीलों पर राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो दिल्ली जा ही नहीं रहे हैं.
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा पर क्या बोले राकेश टिकैत
गणतंत्र दिवस के दिन निकली ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए, हमारा किसान किसी पर हमला नहीं कर सकता है. पुलिसवाले हमारे परिवार के ही हैं, लेकिन अगर किसी ने लालकिले आने का ऐलान पहले ही कर दिया तो फिर उसे कैसे आने दिया गया. पूरे प्रकरण की जांच की जानी चाहिए.
राकेश टिकैत की ओर से कहा गया कि हम लंबे वक्त से आंदोलन कर रहे हैं, हर कोई कहता है कि संसद जाएंगे लेकिन कोई जाता नहीं है. लालकिले पर जो गया, तो उन्हें किसने रास्ता क्यों दिया गया. राकेश टिकैत ने कहा कि लालकिले पर धार्मिक झंडा फहराने की साजिश रची गई, ताकि किसान-सिखों को बदनाम किया जा सके.
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने जो रूट दिया था, वहां पर ही बैरिकेडिंग की गई. जहां कच्चा रूट था, वहां पर ही उपद्रवियों को आगे बढ़ाया गया. किसान प्रदर्शनकारियों पर दिल्ली पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़े गए. परेड के दौरान हजारों की संख्या में ट्रैक्टर आए, गांववालों को दिल्ली का रास्ता ही नहीं पता. अगर तय रास्ते पर बैरिकेडिंग कर दी गई, तो जहां रास्ता मिला प्रदर्शनकारी वहां ही पहुंच गए.