16 साल की उम्र में दुनिया की सुपरहिट स्टार बनी थीं रिहाना, आज हैं 4400 करोड़ की मालकिन

इंटरनेशनल पॉप स्टार रिहाना भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर ट्वीट करने के बाद से ही भारतीयों के बीच सुर्खियों में चल रही हैं. बारबाडोस में एक मिडिल क्लास फैमिली से निकलकर शोहरत की बुलंदियां हासिल करने वालीं रिहाना ने पॉप म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी तीसरी एल्बम गुड गर्ल गॉन बैड से तहलका मचा दिया था और उन्हें इस एल्बम के सॉन्ग अंब्रेला के लिए पहला ग्रैमी अवॉर्ड मिला था.

15 साल की उम्र में रिहाना ने अपनी दो क्लासमेट्स के साथ मिलकर एक गर्ल ग्रुप बनाया था. उन्होंने म्यूजिक प्रोड्यूसर इवान रोजर्स को ऑडिशन दिया था जो अपनी पत्नी के साथ बारबाडोस घूमने आए थे और वे रिहाना की आवाज से काफी प्रभावित हुए थे. एक साल के अंदर ही जब रिहाना 16 साल की थीं तो वो बारबाडोस छोड़कर अमेरिका चली गई थीं और उन्होंने एक एल्बम पर काम शुरू कर दिया था. इसके बाद रिहाना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा

रिहाना का बचपन काफी मुश्किलों से भरा रहा और उनके पिता एक ड्रग एडिक्ट और शराबी थे जिसके चलते रिहाना की मां और उनके पिता का तलाक भी हो गया था. हालांकि तमाम मुश्किलों से जूझते हुए रिहाना आज एमिनेम, केल्विन हैरिस, केनी वेस्ट, जे-ज़ी जैसे लेजेंडरी आर्टिस्ट्स के साथ काम कर चुकीं हैं और एक पारंपरिक म्यूजिक आर्टिस्ट से इतर अपनी चैरिटी के लिए भी जानी जाती रही हैं

साल 2006 में जब रिहाना की उम्र सिर्फ 18 साल थी तो उन्होंने बिलीव फाउंडेशन बनाया था. ये पब्लिक संस्था कैंसर, एड्स और ल्यूकेमिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे बच्चों की मदद करती है. इसके अलावा ये संस्था हाशिये पर मौजूद बच्चों की आर्थिक सहायता भी करती है.

साल 2008 में रिहाना ने कई सेलेब्स को जॉइन करते हुए एड्स के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए एक फैशन कैंपेन में हिस्सा लिया था. इस कैंपेन को एच एंड एम नाम की कंपनी ने कराया था.  इसी साल रिहाना ने एक टीवी स्पेशल ‘स्टैंड अप टू कैंसर’ में हिस्सा लिया था. कैंसर रिसर्च के लिए किए जा रहे इस प्रोग्राम के लिए ये संस्था 100 मिलियन डॉलर्स की हैरतअंगेज राशि जुटाने में कामयाब रही थी.

रिहाना ने इसके बाद साल 2012 में क्लारा लियोनेल फाउंडेशन नाम की संस्था की शुरुआत की थी. क्लारा और लियोनेल रिहाना के दादा-दादी के नाम हैं. इस संस्था का मकसद बारबाडोस में रहने वाले लोगों को एजुकेशन और स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएं मुहैया करानी है. इसके अलावा बारबडोस में अक्सर तूफान से प्रभावित लोगों को भी ये संस्था राहत देती है.

रिहाना ने बारबाडोस के क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल में मॉर्डन रेडियोथेरेपी के सामान के लिए 1.75 मिलियन डॉलर्स डोनेट किए थे. साल 2013 में रिहाना एक लिप्स्टिक कैंपेन में शामिल हुई थीं. ये राशि एड्स से जूझ रहे महिलाओं और बच्चों के लिए थी. इस कैंपेन के सहारे वे 60 मिलियन डॉलर्स की राशि जुटाने में कामयाब रही थीं

साल 2016 में रिहाना ने ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर एजुकेशन और ग्लोबल सिटिजन प्रोजेक्ट के साथ हाथ मिलाया था. ग्लोबल पार्टनरशिप ऑफ एजुकेशन के ब्रैंड एबेंसेडर के तौर पर साल 2018 में उन्होंने ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे के लीडर्स को इंटरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस में एड्रेस करते हुए 2 बिलियन डॉलर्स से ज्यादा की राशि जुटाई थी.

रिहाना ने कुछ समय पहले ही कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में 8 मिलियन डॉलर्स दिए थे. उन्होंने इसके अलावा क्लारा लियोनेल फाउंडेशन के सहारे न्यूयॉर्क के जरूरतमंद लोगों को 1 मिलियन डॉलर्स, लॉस एजेंलेस में रह रहे लोगों को 2.1 मिलियन डॉलर्स और इसके अलावा दूसरी संस्थाओं को 5 मिलियन डॉलर्स की मदद पहुंचाई थी. रिहाना की नेट वर्थ 600 मिलियन डॉलर्स है यानि करीब 4400 करोड़ है और वे सिर्फ म्यूजिक के सहारे ही नहीं बल्कि मेकअप और लॉन्जरी ब्रैंड के सहारे भी कमाई करती हैं.  (फोटो साभार: Getty Images)

रिहाना ने इसके अलावा बीड 2 बीट एड्स, सिटी ऑफ होप, फीडिंग अमेरिका, सेव द चिल्ड्रेन, यूनिसेफ, एल्जाएमर एसोसिएशन, लिव अर्थ, किड्स विश नेटवर्क, मिशन ऑस्ट्रेलिया जैसी कई संस्थाओं के साथ काम किया है. रिहाना को अपने चैरिटी वर्क के लिए पीटर ह्युमनिटेरियन अवार्ड भी मिल चुका है

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