3 मार्च से शुरू हुई है महाकाल नवरात्रि, रात्रि में होगा शिव पूजन

बीते कल यानी 3 मार्च से शिव नवरात्रि का पर्व आरम्भ हो गया है। यह पर्व 11 मार्च तक चलने वाला है और महाकाल नवरात्रि के अंतिम दिन यानी 11 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाने वाला है। कहा जाता है इस दौराम महामृत्युंजय अनुष्ठान विशिष्ट फलदायक होता है। जी दरअसल फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन सूर्य की 12 ज्योतियों से संयुक्त 12 ज्योतिर्लिंग के प्राकट्य अवसर और भगवान-शिव पार्वती के विवाह के दिन को महाशिवरात्रि महापर्व कहते हैं।

यह पर्व बड़ा ही ख़ास माना जाता है। कहते हैं महाशिवरात्रि के 9 दिन पूर्व तक शिव नवरात्रि या महाकाल नवरात्रि मनाई जाती है। जैसे नवरात्रि के दिनों में शक्ति की आराधना करते हैं वैसे ही शिव नवरात्रि के दिनों में शिव की साधना की जाती है। यह नवरात्रि देश के प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों के अलावा कई शिव मंदिरों में विशेष रूप से मनाई जाती है। इस नवरात्रि के दौरान भी नौ रात्रि तक विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर में लघुरुद्र, महारुद्र्र, अतिरुद्र, रुद्राभिषेक, शिवार्चन, हरिकीर्तन के आयोजन किए जाते हैं। कहा जाता है कृष्ण पक्ष में चन्द्रमा की कलाएं क्षीण हो जाती हैं और मन का कारक चंद्रमा कमजोर होने से मानसिक पीड़ा आने लगती है। इसी वजह से शिव की आराधना करनी चाहिए क्योंकि यह फलदायक है। वैसे इस बात का भी ध्यान रहे कि शिव का पूजन रात्रि में किया जाता है।

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