निर्माण निगम में दागियों को दी गयी पोस्टिंग
निर्माण निगम में पदों की बंदरबांट-
स्मारक घोटाले के आरोपी अफसर राकेश चंद्रा को AGM टेक्निकल पर तैनाती
आरोपी अफसर राकेश चंद्रा को APM से सीधे AGM टेक्निकल बनाया-
आरोपी अफसर राकेश चंद्रा को GM टेक्निकल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया-
जबकि JE से ARE और इसके बाद RE और इसके बाद APM और इसके बाद PM फिर बनाया जाता है AGM
कई सीनियर अफसरों को मानक दरकिनार कर दी तैनाती-
जबकि आरोपी अफसरों के खिलाफ चल रही है घोटाले की जांच
खुद लोकायुक्त ने जांच में कहा था इनको अभी पद स्थापना ना दी जाए-
साल 2007-2011 के बीच हुआ था 1400 करोड़ का स्मारक घोटाला-
निर्माण निगम के अफसर ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर दिया प्रमोशन-
विभागीय वरिष्ठता सूची की भी उड़ाई गई धज्जियां-
आरोपी अफसरों के खिलाफ कोर्ट में चल रहा है केस-
वर्तमान में मामले की जांच विजिलेंस कर रही है-
विजिलेंस ने भी अपनी रिपोर्ट में इंजीनियर राकेश चंद्रा को दोषी माना था-
विजलेंस ने गोमतीनगर थाने में इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी-
तत्कालीन लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने सौंपी थी जांच रिपोर्ट-
रिपोर्ट में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा समेत 199 लोगों को घोटाले का जिम्मेदार ठहराया था-
PWD से निर्माण निगम आए इंजीनियर सत्यवीर यादव को GM बनाया
जबकि ये निर्माण निगम में सिर्फ PM पद तक ही रह सकते हैं-
3 साल से ये बिना वेतन के काम कर रहे हैं सत्यवीर यादव-
पैक्सफैड से प्रतिनियुक्ति पर निर्माण निगम आने वाले अनिल यादव को जूनियर होने के बाद भी एजीएम कांट्रैक्ट और इलेक्ट्रिकल जोन-3 के पद पर तैनाती
एसके गौतम को गंभीर आरोपों के बाद GM परिवाद बनाया-
जबकि गंभीर आरोपों के बाद इनको मुख्यालय अटैच किया गया था-