उत्तराखंड: 24 घंटों में झुलसा 165 हेक्टेयर वन क्षेत्र, कल दर्ज हुई थी 85 घटनाएं

उत्तराखंड में विकराल हो रही जंगल की आग चुनौती बनती जा रही है। बीते 24 घंटे में आग से 165 हेक्टेयर वन क्षेत्र झुलस गया। इस दौरान 85 घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें सर्वाधिक 74 गढ़वाल मंडल, नौ कुमाऊं और दो मामले संरक्षित वन क्षेत्र में सामने आए। इस बीच अक्टूबर से अब तक प्रदेश में 1538.28 हेक्टेयर वन क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो चुका है। बस्तियों के पास सुलग रहे जंगल मवेशियों की जिंदगी पर भारी पड़ रहे हैं। जंगलों के पास बनी गोशालाएं लपटों की चपेट में आ रही हैं।

गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक दहक रहे वनों के लिए मौसम से उम्मीद बंध रही है। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार से प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इस दौरान पर्वतीय जिलों में बारिश हो सकती है। इस बीच पारा बढ़ने के साथ ही लपटें भी तेज हो रही हैं। वन विभाग के अनुसार अप्रैल के इन पांच दिनों में ही आग की 261 घटनाएं दर्ज की गईं और इससे 413 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।

सोमवार को पौड़ी जिले के खिर्सू क्षेत्र में जंगल की आग चाय बागान तक पहुंच गई। बागान के एक तिहाई हिस्से को आग से भारी नुकसान पहुंचा है। पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लाक में आग बेकाबू हो गई है। ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने बताया कि क्षेत्र के जंगलों में पिछले एक सप्ताह से आग लगी हुई है। वे इस संबंध में वन विभाग व प्रशासन को सूचित कर चुके हैं। इसके अलावा इसी जिले के पोखड़ा प्रखंड के ग्राम गडरी से लगे जंगलों में लगी आग रविवार रात गांव तक पहुंच गई। ग्राम प्रधान महिपाल सिंह ने बताया कि आग से नींबू का बगीचा से नष्ट हो गया। नैनीडांडा ब्लॉक में जंगल की आग धुमाकोट बाजार तक पहुंच गई। ग्रामीणों व थाने में तैनात पुलिस कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार, दुगड्डा, लैंसडौन व कोटड़ी रेंज के जंगल भी इन दिनों आग से झुलस रहे हैं।  

टिहरी जिले के भिलंगना, चंबा व नरेंद्रनगर के जंगल आग की चपेट में हैं। सोमवार को जिला मुख्यालय के समीपवर्ती बुडोगी गांव के जंगल में भी आग लग गई जिससे जिला मुख्यालय में धुंध छाई रही। वन प्रभाग मसूरी के तहत जौनपुर रेंज के बैट गांव, देवलसारी रेंज के पर्यटक स्थल नागटिब्बा के आसपास के जंगल भी आग की चपेट में है। वन विभाग एवं वन सरपंचों की संयुक्त टीम आग बुझाने में जुटे रहे। वन पंचायत सलाहकार परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र कोहली ने बताया कि कई जगह आग पर काबू पा लिया गया है।

कुमाऊं में भी हालात गढ़वाल की तरह ही हैं। धुएं के कारण विजिबिलिटी भी कम हुई है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट ब्लॉक में पुरियाचौड़ा, मंगरू व चमखला जंगल रविवार रात से धधका हुआ है। बागेश्वर में जंगलों की आग से चारों तरफ धुंआ फैला हुआ है। मलाड़ीधार स्थित शहीद स्मारक शांति वन भी आग की चपेट में है। चम्पावत जिले में देवीधुरा, धूनाघाट, खेतीखान, चौड़ामेहता के कुछ क्षेत्र में शनिवार की शाम तो कुई जगह सोमवार को आग लग गई। पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के सागराऊ में आग से वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है। विजिबिलिटी कम होने से तल्ला जोहार में तो वाहनों को दिन में ही वाहनों की लाइट जलानी पड़ी। 

सर्वाधिक प्रभावित जिले

जिले   घटनाएं  क्षेत्रफल

पौड़ी    268    406.75

अल्मोड़ा  93    167.25

देहरादून   77    166.45

पिथौरागढ़ 94    153.5 

टिहरी     115   153.072

बागेश्वर  100   136.52

(नोट : क्षेत्रफल हेक्टेयर में )

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