असम में वैक्सीनेशन की रफ़्तार पड़ी धीमी, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दिया यह दिशा-निर्देश
कोरोना वैक्सीन के पहुंचने में देरी के चलते मंगलवार को असम में वैक्सीनेशन की तेजी अब धीमी होती जा रही है। ऐसी रिपोर्ट्स भी आईं कि राज्य के कई निजी हॉस्पिटल और क्लीनिकों में शेड्यूल की गई सेकंड डोज लेने के लिए पहुंचने वाले भी खुराक दी जा रही है। ताजा स्टॉक के पहुंचने में देरी के चलते स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन के लिए खास रणनीति बनाई है। जंहा इस रणनीति में दूसरी डोज के लिए प्रायोरिटी तय की गई है।
राज्य वैक्सीनेशन के प्रवक्ता मुनींद्र नाथ नगेटे ने बोला कि जहां भी संभव है फर्स्ट डोज देने का काम किया जा रहा है, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ये दिशा-निर्देश है कि दूसरी डोज का टीकाकरण रुकना नहीं चाहिए। उन्होंने इस बात से साफ तौर पर मना किया कि ऐसा कोई निर्देश था जिसमें वैक्सीन के स्टॉक को भरने तक पहली डोज को रोकने की कोई प्लानिंग थी। उन्होंने बोला कि ऐसा कोई कठोर कदम उठाने को लेकर दिशा-निर्देश नहीं है।
दूसरी डोज भी कई जगह नहीं मिली: जंहा इस बात का पता चला है कि मंगलवार को दूसरी डोज प्राप्त करने में के लिए पहुंचे डूमडुमा के रहने वाले जौहर चौधरी ने बोला कि उन्हें बिना वैक्सीन की डोज लगवाए वापस आना पड़ा, क्योंकि वैक्सीनेशन सेंटर पर स्टॉक समाप्त हो चुका है। उन्होंने बोला कि मुझे और मेरी पत्नी को 15 मार्च को पहली डोज डूमडोमा के एक सरकारी हॉस्पिटल में लगाई गई। आज हम अपनी दूसरी डोज के लिए गए थे, लेकिन हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने स्टॉक खत्म होने के चलते हमसे अगले सोमवार को आने के लिए कहा है।
अस्पतालों में लग रहा लोगों का तांता: अधिकारियों के अनुसार बीते कुछ दिनों में गवर्नमेंट और निजी हॉस्पिटलों में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए लोगों की भीड़ जमा हो रही है। 9 अप्रैल को ऊपरी असम के डिब्रूगढ़ में इस बात को लेकर विवाद हुआ था कि कथित तौर पर जिला वैक्सीनेशन अधिकारी ने निजी हॉस्पिटल से वैक्सीन की पहली डोज को रोकने के लिए बोला गया था। स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त निदेशक डॉक्टर कृष्णा केम्पराय ने बोला कि अधिकारी को इस केस में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि वैक्सीन का नया स्टॉक मंगलवार को आ जाएगा, लेकिन शाम तक स्टॉक नहीं पहुंचा।