कोरोना महामारी के मध्य वृद्धि को बनाए रखने के लिए उद्योग और सरकार के बीच पूर्ण विश्वास की जरूरत: वित्त मंत्री
नई दिल्ली, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि कोरोना महामारी के बीच वृद्धि को बनाए रखने के लिए उद्योग और सरकार के बीच पूर्ण विश्वास की जरूरत है। कोलकाता में मर्चेंट्स चेंबर ऑफ कॉमर्स (एमसीसी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि केंद्र ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं कि महामारी की दूसरी लहर के बावजूद अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार जारी रहे।
उन्होंने कहा, ‘वृद्धि को बनाए रखने के लिए सरकार और उद्योग के बीच पारस्परिक पूर्ण विश्वास होना चाहिए। ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए, जिससे अविश्वास पैदा हो।’ वित्त मंत्री ने बंगाल के बारे में कहा कि राज्य में उद्योगों के विकास के लिए एक वैश्विक दृष्टिकोण के साथ ऑक्सीजन की जरूरत है। भारत का इतिहास बंगाल से लिखा गया था, लेकिन आज दार्जलिंग चाय जैसा स्थापित उत्पाद भी मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोलकाता पहले उद्योगों के लिए जाना जाता था। उसे फिर ऐसा करना चाहिए। बंगाल और इसकी परंपरा को संरक्षित करना होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही राज्य के किसानों को धन मुहैया कराया जाएगा। हमारे घोषणापत्र में बंगाल की इकोनॉमी के पुनरुद्धार के बारे में विस्तार से बताया गया है।
अनिश्चतता के इस दौर में उद्योग जगत में भरोसा जगाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कमान संभाल ली है। देश के विभिन्न राज्यों में लग रहे लॉकडाउन व कर्फ्यू से उद्योग जगत का भरोसा फिर से डगमगाने लगा है, जिसे देखते हुए वित्त मंत्री आगे आई हैं। वे अलग-अलग क्षेत्र की बड़ी कंपनियों व उद्योग संगठनों से उनकी परेशानियों का जायजा ले रही हैं।
सीतारमण उद्योगपतियों से कोरोना के कारण उत्पादन एवं कारोबार में होने वाली दिक्कतों की जानकारी मांग रही है, ताकि आने वाले समय में वित्त मंत्रालय उद्यमियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए फैसला ले सके।
गौरतलब है कि सीतारमण ने उद्योग संगठन सीआइआइ, फिक्की, एसोचैम, पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स, बांबे चेंबर, बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स, मद्रास चेंबर ऑफ कॉमर्स, बंगलोर चेंबर ऑफ कॉमर्स, निर्यात संगठन फियो, ऑटो निर्माताओं के संगठन सियाम, आइटी उद्योग के संगठन नैसकॉम समेत एलएंडटी, अपोलो, टीसीएस, मारुति सुजुकी व हीरो मोटो कॉर्प जैसी कंपनियों के प्रमुखों से बातचीत की है।