बंगाल में सातवें चरण का मतदान, इतने जिलों की 34 सीटों पर वोटिंग

नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते कहर के बीच पश्चिम बंगाल में सातवें चरण की वोटिंग हो रही है। इस फेज में राज्य के पांच जिलों के 34 विधानसभा पर मतदान हो रहा है। राज्य में अब तक पांच चरणों में 223 सीटों पर मतदान हो चुका है। बाकी दो चरणों में और 71 सीटों पर वोटिंग होनी है। इस चरण में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गृह निर्वाचन क्षेत्र भवानीपुर में भी वोटिंग हो रही है।

इस चरण में कोलकाता, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद और पश्चिम बर्द्धमान की 34 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। इस चरण में कुल 268 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 37 महिलाएं शामिल हैं। करीब 82 लाख मतदाता उनकी सियासी किस्मत का फैसला करेंगे। 

आपको बता दें कि पहले इस चरण में 36 सीटों पर मतदान होना था, लेकिन बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले की जंगीपुर व शमशेरगंज सीटों पर कोरोना की वजह से एक-एक प्रत्याशी की मौत हो गई है, लिहाजा अब 16 मई को वोट डाले जाएंगे। इस वजह से प्रत्याशियों की संख्या भी 284 से घटकर 268 हो गई है। बंगाल विधानसभा के सातवें चरण में कुल 11,376 बूथों पर लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

इस चरण में तृणमूल सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी व शोभनदेव चट्टोपाध्याय और बीजेपी से जाने-माने अभिनेता रूद्रनील घोष, विख्यात अर्थशास्त्री अशोक कुमार लाहिड़ी, आसनसोल के पूर्व मेयर जीतेंद्र तिवारी व मशहूर फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा पाल शामिल हैं। वहीं संयुक्त मोर्चा से जेएनयू की छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष व आभास राय चौधरी (माकपा) और मइनुल हक और आबू हेना (कांग्रेस) चुनावी मैदान में हैं। 

दरअसल विधानसभा चुनाव के तहत पश्चिम बंगाल में कुल आठ चरणों में वोटिंग हो रहे हैं। अबतक राज्य में छह चरणों की वोटिंग खत्म हो चुकी है। वहीं अब सातवें चरण के लिए आज वोटिंग हो रही है। आठवें और अंतिम चरण में 35 सीटों पर 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं, पांच राज्यों में एक साथ 2 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

आपको बता दें कि इस चुनाव में मुख्य टक्कर सत्ताधारी पार्टी टीएमसी और बीजेपी के बीच देखी जा रही है। टीएमसी जहां सत्ता में बने रहने के लिए जोर आजमाइश में जुटी है तो बीजेपी पहली बार बंगाल में अपना परचम लहरा कर सत्ता पर काबिज होना चाहती है। 

2016 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो तृणमूल कांग्रेस ने इन 44 सीटों में से 39 पर जीत दर्ज की थी। वहीं बीजेपी के खाते में महज एक सीट आई थी। वामपंथियों को तीन और उनके गठबंधन के साथी कांग्रेस को एक सीट मिली थी। परंतु, 2019 के लोकसभा चुनाव में स्थिति पूरी तरह से बदल गई। इन 44 सीटों में से महज 25 पर तृणमूल और 19 सीटों पर बीजेपी आगे हो गई। अलग-अलग लड़े वामपंथी दल व कांग्रेस की झोली में शून्य आया था।

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