आयुष/यूनानी/होम्योपैथी चिकित्सकों के साथ संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्बोधन
April 30, 2021
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कोरोना की पहली लहर में स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने में, लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने में हमारे परंपरागत चिकित्सा पैथी के विशेषज्ञों ने बड़ा सहयोग किया। आयुष कवच एप तैयार किया गया। लोगों को छोटे छोटे घरेलू उपायों से आरोग्यता प्राप्त करने में मदद मिली। आयुष काढ़ा का घर घर वितरण हुआ। इसकी सर्वत्र प्रशंसा हुई। आज फिर उसी सहयोग की आवश्यकता है।
कोविड की पहली लहर जब आई थी, जब पीक था तब 68000 केस आये थे। आज यह 30 से 50 गुना संक्रामक हो चुकी है। यह महामारी है। जहां पहले 500 मरीज भर्ती होते थे, जिसमें 30-40 को ऑक्सीजन को जरूरत पड़ती थी। आज अगर किसी कोविड हॉस्पिटल में 500 बेड हैं तो उसमें 450 को ऑक्सीजन देने की जरूरत है। ज्यादातर को वेंटिलेटर चाहिए।स्पष्ट है महामारी की स्थिति विकराल है।
आज 2.52 लाख लोग घरों में उपचाराधीन है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि ऐसे सभी लोगों को आयुष, होम्यो और यूनानी चिकित्सकों का परामर्श प्राप्त हो। स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विविध उपायों से लोगों को लाभान्वित कराएं। आयुष विभाग घर-घर आयुष काढ़ा उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाकर लागू करे।
आज पूरा देश, पूरी दुनिया इस कोरोना से लड़ाई लड़ रही है। यह कोई सामान्य बीमारी नहीं, महामारी है। हमारे शास्त्रों ने कहा है आपदाकाल में धैर्य सबसे बड़ा सहारा होता है। हमें धैर्य और संयम के साथ इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है।
उत्तर प्रदेश कोविड के खिलाफ लड़ाई में पूरी प्रतिबद्धता के साथ लड़ रहा है। कोविड की पहली लहर के अनुभवों से सीखते हुए स्वास्थ्य संसाधनों को प्राथमिकता के साथ बेहतर किया गया है। यह काम लगातार जारी है। हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। आज 116000 से अधिक एल-1 के बेड्स हैं तो एल-टू व एल-3 के 65000 से अधिक बेड हैं। हम इसे दोगुना करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश ने अब तक चार करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट कर लिए हैं। बीते साल जब प्रदेश में पहला कोविड केस आया था, तब हमारे पास टेस्टिंग की क्षमता नही। आज उसी यूपी में सवा दो लाख टेस्ट हर दिन हो रहे हैं। जिस प्रदेश में जब पहला मरीज आया तो उसे बाहर भेज कर एडमिट कराना पड़ा था, आज वहां के अस्पतालों में 60,000 से अधिक मरीजों का इलाज हो रहा है। टेस्टिंग कैपिसिटी को बढ़ाने का काम हो रहा है। होगा। 10 मई तक दोगुनी हो जाएगी। निजी लैब से सहयोग की अपेक्षा है।
प्रदेश में इस समय 2.52 लाख लोग होम आइसोलेशन में हैं। हम इनसे लागातर संवाद में हैं। हर दिन जनपद स्तरीय आइसीसीसी इनका हाल चाल लेता है। इन्हें मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। जिन्हें हॉस्पिटल की जरूरत है,उन्हें एडमिट कराया जा रहा है।
हर जिले में आयुष/होम्यो/यूनानी चिकित्सकों की एक टीम गठित हो। यह टीम लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दे।टेलीकन्सल्टेशन के कार्य से जुड़ें। आयुष, होम्यो और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के सरल उपायों से लोगों को अवगत कराए। मीडिया के माध्यम से अपने ज्ञान का लाभ दें। यह बहुत जरूरी है। इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है।
भारत में हेल्थ व्यवस्था को सुदृढ़ रखने में आयुष बड़ा आधार है।अपनी चिकित्सा पद्धति की अच्छाइयों से दुनिया को अवगत कराने का। हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति अपेक्षाकृत सस्ती भी है और अधिक उपयोगी भी है। हमें इसका लाभ अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाना होगा।
पूरे प्रदेश में निगरानी समितियां गठित की गई हैं। आप चिकित्सक गण इनके संपर्क में रहें। क्वारन्टीन में रह रहे लोगों को आपके परामर्श की बहुत आवश्यकता है।
आरोग्यता प्राप्त करने में योग एक वरदान है। हमें अपने प्रयासों से लोगों को योग के बारे में बताना होगा। कुछ योगाभ्यास लोगों को बताएं जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हों। स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर इसे किया जाना जरूरी है।
कोविड के साथ-साथ हमारा ध्यान नॉन कोविड मरीजों पर भी है। हर जिले में ऐसे अस्पताल चिन्हित किये गए हैं। हालांकि ओपीडी सेवा बन्द है, लेकिन आपातकालीन परिस्थितियों के बारे इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।