राहुल गांधी ने एक बार फिर PM मोदी पर साधा निशाना, कही यह बात
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीते शनिवार को एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने निशाने पर लिया है. वहीँ उनके अलावा कांग्रेस के दो अन्य वरिष्ठ नेता, पी चिदंबरम और जयराम रमेश भी उनके साथ शामिल हो गए हैं। बीते शुक्रवार के दिन एक तीखे ट्वीट में राहुल गाँधी ने कहा था, “कोई टीका नहीं। सबसे कम जीडीपी। उच्चतम कोविड मौतें, भारत सरकार की प्रतिक्रिया? पीएम रोते हैं।”
केवल यही नहीं बल्कि उन्होंने पीएम मोदी पर COVID से मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए “मगरमच्छ के आंसू” बहाने का आरोप लगाया था. जी दरअसल अपने ट्विटर हैंडल पर राहुल गांधी ने वैश्विक आर्थिक स्थिति और महामारी की स्थिति पर एक चार्ट भी साझा किया, जिसे केंद्र सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने ट्वीट किया था। उस चार्ट में बांग्लादेश के 3.8, चीन के 1.9 और पाकिस्तान के O.4 के मुकाबले भारत की जीडीपी को शून्य से आठ कम दिखाया गया है। इसी के साथ चार्ट में, वियतनाम में 0.4 और चीन में दो मौतों के मुकाबले भारत को COVID-19 की प्रत्येक मिलियन आबादी में 212 मौतों का शिकार दिखाया गया था।
इसके अलावा राहुल गांधी ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा था, ”मोदी प्रणाली के कुप्रबंधन के कारण भारत में कोविड महामारी के साथ-साथ ब्लैक फंगस की महामारी है।” इसके अलावा हिंदी में एक ट्वीट कर उन्होंने लिखा था, “कोविड के लिए दवाओं की कमी के साथ भारत में इस बड़ी बीमारी के लिए दवाओं की भी भारी कमी है। प्रधानमंत्री जल्द ही इस बीमारी से निपटने के लिए ‘ताली-थाली’ (ताली बजाना और ताली बजाना) की घोषणा करेंगे।” उनके इन ट्वीट के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, ”देश को टीकों की जरूरत है, न कि मगरमच्छ के आंसू की।”
वहीँ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी सरकार को आगाह करते हुए कहा था कि, ”केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के 31 दिसंबर तक पूरी वयस्क आबादी को टीका लगाने के लिए 216 करोड़ वैक्सीन खुराक प्राप्त करने के दावे का समर्थन करना चाहिए। अब तक, ऐसा नहीं है. हमें घरेलू उत्पादकों की क्षमता, वैक्सीन के दिए गए ऑर्डर, आयात अनुबंध, डिलीवरी की सहमत समय-सारणी आदि पर डेटा की आवश्यकता है। अभी तक कुछ भी खुलासा नहीं किया गया है।” वैसे यह पहली बार नहीं है बल्कि काफी समय से कांग्रेस सरकार की टीकाकरण नीति और टीकाकरण की धीमी गति की आलोचना करती रही है।