नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने DHFL मामले में NCLT के फैसले पर रोक लगाते हुए कही यह बात

नई दिल्ली,  नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने DHFL मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के एक आदेश पर रोक लगा दी है। एनसीएलटी ने डीएचएफएल के कर्जदाताओं को निर्देश दिया था कि वे कंपनी के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन के प्रस्ताव पर विचार करें। NCLAT के कार्यवाहक चेयरमैन न्यायमूर्ति एआइएस चीमा और सदस्य (तकनीकी) वी पी सिंह की अवकाश पीठ ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ द्वारा पारित आदेश पर स्थगन दिया। NCLAT ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका यह फैसला एनसीएलटी को डीएचएफएल के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) द्वारा मंजूर की गई योजना को अनुमोदन देने या नहीं देने के आड़े नहीं आएगा। 

इस वर्ष जनवरी में डीएचएफएल के कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) ने इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया के तहत डीएचएफएल की बिक्री पिरामल ग्रुप के हाथों करने का फैसला किया था। एनसीएलटी ने कर्जदाताओं की समिति से 19 मई को कहा था कि वे वधावन द्वारा दिए जा रहे ऑफर पर भी विचार करें। एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने अपने निर्देश में कहा था कि कपिल वधावन की तरफ से जो सेटलमेंट ऑफर दिया है उस पर सभी क्रेडिटर्स के बीच वोटिंग होनी चाहिए। 

कर्जदाता बैंकों ने एनसीएलटी का यह निर्देश पूरी तरह से खारिज करने की अपील की थी। बैंकों की तरफ से दायर याचिका में एनसीएलटी के आदेश को पूरी तरह से आधारहीन व गैरकानूनी करार दिया गया था। कर्जदाताओं ने कहा कि एनसीएलटी का यह आदेश बगैर वस्तु-स्थिति को ध्यान में रखते और बिना किसी सोच-विचार के दिया गया है। वैसे तो वधावन का ऑफर डीएचएफएल की परिसंपत्तियों के लिए पीरामल समूह के ऑफर से ज्यादा है, लेकिन बैंको का कहना है कि इसके पीछे प्रमोटर की मंशा पर ध्यान देना चाहिए।

बैंकों को इस बात का भरोसा नहीं है कि प्रमोटर इतनी बड़ी राशि का इंतजाम कर सकता है। कर्जदाताओं को यह भी लगता है कि कंपनी का पूर्व प्रमोटर दिवालिया प्रक्रिया को और लटकाने के लिए भी ऐसा प्रस्ताव रख सकता है।

जेपी इन्फ्रा के पूर्व प्रमोटर ने दिया प्रस्ताव

इसी बीच दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (जेपीएल) के पूर्व प्रमोटर जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) ने कर्जदाताओं की समिति को एक प्रस्ताव भेजा है। इमसें जेएएल ने कहा है कि वह कर्जदाताओं को पूरी रकम लौटाने को तैयार है। कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) इसी सप्ताह कंपनी के दोनों बोलीकर्ताओं एनबीसीसी और सुरक्षा ग्रुप की बोली पर फैसला लेने वाला है। दिलचस्प यह है कि कर्जदाताओं की समिति ने इससे पहले सुरक्षा ग्रुप की बोली पर वोटिंग का भी फैसला कर लिया था। 

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