छत्तीसगढ़ में कोरोना टीका नहीं लगवाने पर रोक दिया जायेगा अगले महीने का वेतन
नई दिल्ली: देश के कई राज्य कोरोना वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां पर लोग वैक्सीन लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे ही लोगों को देखते हुए छत्तीसगढ़ जिले में आदिवासी कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने आदेश जारी कर अपने स्टाफ सदस्यों को कोविड-19 का टीका लगवाने को कहा है, ऐसा नहीं करने पर उनका अगले महीने का वेतन रोक दिया जाएगा।
21 मई को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में सहायक आयुक्त के एस मसराम द्वारा जारी आदेश की एक प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जहां कुछ लोगों ने आदेश पर नाराजगी व्यक्त की।
आदेश में जिले में आदिवासी कल्याण विभाग द्वारा संचालित कार्यालयों, आश्रमों (आवासीय विद्यालयों), छात्रावासों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को टीका लगवाने के बाद अपने कार्यालय में टीकाकरण कार्ड जमा करने को कहा गया है।
आदेश में कहा गया है कि यदि वे टीका नहीं लेते हैं, तो अगले महीने के लिए उनका वेतन रोक दिया जाएगा, आदेश जारी होने की तारीख से लागू हुआ है।
इससे पूर्व मसराम ने 20 मई को विभाग में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के परिवारों के कोविड-19 टीकाकरण का आदेश भी जारी किया था।
संपर्क करने पर मसराम ने बताया कि इस आदेश के पीछे का उद्देश्य कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करना है। उन्होंने दावा किया कि आदेश जारी होने के बाद विभाग के 95 प्रतिशत स्टाफ सदस्यों ने वैक्सीन शॉट्स लिए हैं।
अधिकारी ने यह भी कहा कि विभाग अपने कर्मचारियों के अगले महीने का वेतन नहीं रोकेगा। उन्होंने कहा, “मेरा इरादा अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को टीका लगवाने का था, और कुछ नहीं।”
18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिक 1 मई से COVID-19 वैक्सीन लेने के पात्र हैं।