उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कक्षाओं में साल दो बार हो सकती हैं बोर्ड परीक्षाएं, पढ़ें…..

उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कक्षाओं में भविष्य में हर साल दो-दो बोर्ड परीक्षाएं हो सकती हैं। सीबीएसई के हर साल दो बोर्ड परीक्षाओं के फार्मूले को उत्तराखंड भी भी मुफीद मान रहा है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने शिक्षा सचिव को इसका अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि सीबीएसई ने कोरोना संकट को देखते हुए बोर्ड परीक्षाओं में कुछ बदलाव का निर्णय किया है। इसके तहत प्रत्येक शैक्षिक सत्र को दो भागों में बांटा जाएगा। इसमें 50-50 प्रतिशत सिलेबस होगा। इसी आधार पर साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होगी। पहले 50 प्रतिशत सिलेबस की परीक्षा नवंबर-दिसंबर के दौरान होगी।

जबकि दूसरे 50 प्रतिशत सिलेबस के आधार पर मार्च-अप्रैल में परीक्षा कराई जाएगी।हाल में शिक्षा मंत्री की समीक्षा बैठक में शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने इसका प्रस्ताव दिया था। मालूम हो कि राज्य में 190 स्कूलों को सरकार ने अटल उत्कृष्ट स्कूल के रूप में विकसित किया है। ये सभी स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं। भविष्य में सीबीएसई के दो बोर्ड इम्तहाल का फार्मूला इन स्कूलों पर लागू होगा। सरकार का मानना है कि इन स्कूलों के साथ सभी स्कूलों में यह व्यवस्था की जा सकती है।

दो बोर्ड परीक्षाएं होने से छात्रों का और बेहतर मूल्यांकन हो सकेगा। साथ ही आधे आधे सिलेबस पर परीक्षा होने से छात्रों पर अनावश्यक बोझ से भी निजात मिलेगी। मैंने शिक्षा सचिव को सीबीएसई के प्रस्ताव का अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। यदि उचित होगा तो इस व्यवस्था को उत्तराखंड बोर्ड में भी लागू किया जाएगा।
अरविंद पांडेय, शिक्षा मंत्री 

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