विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में कतर के विशेष दूत मुतलाक बिन माजिद अल-कहतानी से की मुलाकात…
इन दिनों अफगानिस्तान और तालिबान में छिड़ी जंग किसी से छिपी नहीं है और तमाम विश्वस्तरीय बैठकों में भी इस बारे में चर्चा की जा रही है। यहां तक कि अमेरिका और यूके अपने नागरिकों से देश छोड़ने तक की बात कह चुके हैं। ऐसे में अफगानिस्तान के नजदीकी देशों पर भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है और इस भूमिका में भारत द्वारा भी अपनी जरूरी रणनीति अपनाई जा रही है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में कतर के विशेष दूत मुतलाक बिन माजिद अल-कहतानी से मुलाकात की है। उन्होंने बातचीत को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम पर भारतीय दृष्टिकोण को साझा किया। साथ ही क्षेत्र की चिंताएं भी सामने रखी, जो मैंने हाल के समय सुनीं।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘सुरक्षा स्थिति का तेजी से बिगड़ना एक गंभीर मामला है। शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान के लिए आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों के अधिकारों और हितों को बढ़ावा दिया जाए और उनकी रक्षा की जाए।’
इससे पहले कतर के दूत और विदेश मंत्रालय (एमईए) में संयुक्त सचिव जे पी सिंह के बीच अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर शुक्रवार को वार्ता हुई थी। बता दें कि आतंकवाद विरोधी और संघर्ष समाधान की मध्यस्थता के लिए कतर के विदेश मंत्री के विशेष दूत अल-कहतानी भारत के दौरे पर हैं।
ज्ञात हो खाड़ी देश अफगान शांति प्रक्रिया में भूमिका निभा रहा है। कतर की राजधानी दोहा अंतर-अफगान शांति वार्ता का स्थल रही है।
वहीं, पिछले कुछ हफ्तों में तालिबान ने देश के पूर्वोत्तर प्रांत तखर सहित अफगानिस्तान के कई प्रमुख जिलों पर कब्जा कर लिया है। पिछले हफ्ते तालिबान ने देश के कंधार प्रांत में एक लोकप्रिय अफगान कॉमेडियन की हत्या कर दी थी। अफगानिस्तान में नए क्षेत्रों पर कब्जा करने के बाद, तालिबान ने अफगान महिलाओं पर दमनकारी कानून को फिर से लागू किया है।