संसद सत्र पर केंद्रीय मंत्रियों ने द्वारा आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में अनुराग ठाकुर ने कहा- घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए विपक्ष देश से मांगे माफी

संसद सत्र पर केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें  केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ( Piyush Goyal), धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan), प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi), भूपेंद्र यादव  (Bhupendra Yadav) और अनुराग सिंह ठाकुर ( Anurag Singh Thakur) शामिल हुए। अनुराग ठाकुर ने जहां विपक्ष को देश से माफी मांगने को कहा वहीं प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा अध्यक्ष से विपक्षी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।  वहीं पीयूष गोयल ने विपक्ष पर सदन की गरिमा गिराने का आरोप लगाया। 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘इस सत्र में हमने लगातार बहुत ही दुखद और शर्मनाक घटनाएं देखीं। पूरे विपक्ष की मंशा शुरू से सदन की गरिमा गिराने और सत्र को नहीं चलने देने की रही। ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक में भी शायद एक राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने सदन को चलने दिया।’

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा। घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको(विपक्ष) देश से माफी मांगनी चाहिए।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मानसून सत्र में जो हुआ उसके लिए विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए। राज्यसभा में सेक्रेटरी जनरल की मेज डांस और प्रदर्शन के लिए नहीं है।’

जनादेश स्वीकार करने को तैयार नहीं विपक्ष: प्रह्लाद जोशी

वहीं संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘कांग्रेस व उनके सहयोगी दलों ने पहले ही फैसला कर लिया था कि संसद को नहीं चलने देंगे। हम राज्यसभा अध्यक्ष से नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।’ प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा, ‘साढ़े सात साल भी वो (विपक्ष) जनादेश स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। खासकर कांग्रेस को ऐसा लगता है कि ये हमारी सीट थी और इसे मोदी जी ने आकर छीन लिया। उनकी ​इसी मानसिकता की वजह से ऐसी चीजें हो रही हैं।’

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या थी। देश देख सकता है कि उन्होंने संसद में क्या किया। यदि उनमें जिम्मेदारी का अहसास है तो उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। कल की घटना से एक दिन पहले कुछ सांसद मेजों पर चढ़ गए। वे अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। उन्हें लगा कि उन्होंने कुछ अच्छा किया है। उन्होंने इसका वीडियो शूट करने के बाद ट्वीट किया। वीडियो शूटिंग की अनुमति नहीं है फिर भी ऐसा किया गया।’

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