अफगानिस्तान तीन जिलें तालिबान के कब्जे से मुक्त, नॉर्दन एलाइंस के लड़ाकों ने छेड़ी जंग

नई दिल्ली: तालिबान ने अधिकांश अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। इसके बावजूद वहां के लोग झुकने को तैयार नहीं हैं। अफगान मीडिया के मुताबिक, वहां के लोगों ने विद्रोही गुट के खिलाफ लड़ाई शुरू कर दी है। तालिबान विरोधी कमांडर अब्दुल हमीद ददगर के नेतृत्व में अफगानिस्तान के बगलान प्रांत के तीन जिलों को तालिबान के कब्जे से मुक्त कराया गया है।

अफगान मीडिया के मुताबिक, कोनार, जलालाबाद और खोस्त में उनकी पकड़ खत्म होने के बाद बगलान में विरोध बुलंद हो चुका है। नॉर्दन एलाइंस के लड़ाकों ने तालिबान के कब्जे वाले बलगान में शुक्रवार को पुल-ए-हेसर, बनू और अंदराबी के जिले में तालिबानियों को खदेड़ दिया। इसके बाद उन्होंने तालिबान के सफेद झंडे को हटाकर अफ़ग़ान तिरंगा लहरा दिया।

अब्दुल हमीद ददगर ने बगलान में विरोध का नेतृत्व किया। वीडियो में उन्हें फ़ोन पर बात करते देखे जा सकता है।

इस घटना को तालिबान और उनका साथ दे रहे पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। पाकिस्तान के समर्थन और हथियारों की मदद से तालिबान अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर कब्जा करने में सफल रहा है। इसने 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर भी कब्जा कर लिया, जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर अपने परिवार के साथ संयुक्त अरब अमीरात चले गए। उनके साथ बड़ी संख्या में अफगान राजनेता, अधिकारी और सैन्य कमांडर भी यूएई पहुंच चुके हैं।

तालिबान के देश पर कब्जा करने और राष्ट्रपति के भाग जाने के बाद अब लोग खुद सड़कों पर उतर आए हैं। अफगानिस्तान के कई हिस्सों में जुलूस निकालने और राष्ट्रीय ध्वज के साथ नारेबाजी करने की घटनाएं सामने आई हैं। तालिबान की ओर से फायरिंग से भी लोग नहीं डर रहे हैं। ऐसे में बगलान प्रांत के तीन जिलों को तालिबान के हाथ से छुड़ाना उसके लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में तालिबान के खिलाफ यह जंग और तेज होगी।

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