1 सितंबर से पहले GST से जुड़ा नहीं निपटाया यह काम, तो हो सकता है बड़ा नुकसान
नई दिल्ली, GSTN (GST Network) ने कहा है कि जिन कारोबारियों ने बीते दो महीनों में GSTR-3B रिटर्न दाखिल नहीं किया है, वे 1 सितंबर से बाहर भेजी जाने वाली आपूर्ति का ब्योरा GSTR-1 में नहीं भर पाएंगे। जहां व्यापार इकाइयां किसी महीने का GSTR-1 उसके अगले महीने के 11 वें दिन तक दाखिल करती हैं, जीएसटीआर-3बी को अगले महीने के 20-24 वें दिन के बीच क्रमबद्ध तरीके से दाखिल किया जाता है। व्यवसायिक इकाइयां जीएसटीआर-3बी के जरिए कर भुगतान करती हैं।
GSTR -1 दाखिल करने में प्रतिबंध लगेगा
माल और सेवा कर (GST) के लिए प्रौद्योगिकी सुविधाओं का प्रबंधन करने वाले जीएसटीएन ने करदाताओं के लिए जारी एक एडवाइजरी में कहा है कि केंद्रीय GST नियमों के तहत नियम-59 (6), एक सितंबर 2021 से अमल में आ जायेगा। यह नियम GSTR -1 दाखिल करने में प्रतिबंध का प्रावधान करता है।
आपूर्ति विवरण फॉर्म GSTR-1 में दाखिल करने की मंजूरी नहीं मिलेगी
नियम के अनुसार, अगर किसी पंजीकृत कारोबारी ने बीते दो महीने के दौरान फार्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न नहीं भरा है तो ऐसे पंजीकृत व्यक्ति को माल या सेवाओं या दोनों की दी गई आपूर्ति का विवरण फॉर्म GSTR-1 में दाखिल करने की मंजूरी नहीं मिलेगी।
जीएसटीआर-3बी में रिटर्न नहीं भरा
ऐसे कारोबारी जो तिमाही रिटर्न (Qurterly return) दाखिल करते हैं यदि उन्होंने पिछली कर अवधि के दौरान फार्म जीएसटीआर-3बी में रिटर्न नहीं भरा है तो उनके लिये भी GSTR-1 दाखिल भरने पर रोक होगी।
सरकार को कर का भुगतान होता है
ईवाई टैक्स एक्सपर्ट अभिषेक जैन ने कहा कि यह सोचा विचारा प्रतिबंध है। यह एक प्रकार से जरूरी नियंत्रण निगरानी भी है। ऐसे कई मामले होते हैं जहां करदाता जीएसटीआर-1 में अपने आपूर्ति चालान रिपोर्ट करते रहते हैं लेकिन उसके साथ ही जीएसटीआर-3बी रिटर्न जमा नहीं कराते हैं। जिसके द्वारा वास्तव में सरकार को कर का भुगतान किया जाता है।