यूपी: मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह और बेटा मुन्नू अंसारी ने सपा का थमा हाथ
मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी ने सपा का दामन थाम लिया है। गाजीपुर जिले की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह भोर में समर्थकों के साथ गाजीपुर से लखनऊ पहुंचे थे। यहां सपा मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने सदस्यता दिलाई। इस दौरान बलिया जनपद के कद्दावर नेता एवं पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने बसपा का दामन छोड़कर सपा की सदस्यता ले ली है।
अम्बिका चौधरी भावुक होकर लगे रोने
अम्बिका चौधरी भावुक हो गए और रोने लगे तो अखिलेश ने दिलासा दिया कहा, ना जाने क्यों कुछ मज़बूत रिश्ते यूं ही टूट जाते हैं। अम्बिका चौधरी का स्वागत है पार्टी में। आप के आने से पार्टी मज़बूत हुई है। बहुमत की सरकार बनाने में मदद मिलेगी। नेता जी के जितने पुराने साथी हैं सबको सपा में जोड़ा जाएगा। सही समय पर जो साथ दे वही साथी है।
पहले तो सपाई थे अंसारी बंधु
अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर वो सपा में आने पर गाजीपुर की सियासत एक बार फिर से दिलचस्प होने जा रही है।
अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का सपा में कर दिया था विलय
कौमी एकता दल नाम से राजनैतिक पार्टी भी बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का विलय सपा में कर दिया था। अखिलेश यादव के विरोध पर पूरे परिवार को बाहर होना पड़ा था। जिसके बाद बसपा ने उन्हें गले लगाया था। इसके साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। मुख्तार के अलावा जीत किसी को भी नसीब नहीं हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बसपा ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।