लखीमपुर हिंसा: आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने पर SC ने उठाया सवाल
नई दिल्ली: लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने राज्य सरकार का पक्ष रखा। साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार किया कि इसमें कोई शक नहीं कि यह हत्या का (धारा 302) केस है। वहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने इस केस में सरकार और पुलिस को जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए हरिश साल्वे ने कहा, ”जिस व्यक्ति के खिलाफ आरोप लगा है (आशीष मिश्रा) उसको पुलिस ने नोटिस दिया था और 11 बजे पेश होने के लिए कहा है।” उन्होंने कहा, ”पोस्टमार्टम में गोली लगने से मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जिस तरह गाड़ी से मौत हुई है, इसमें कोई शक नहीं कि यह हत्या का मामला (धारा 302) का केस है।”
यूपी सरकार को दिए ये निर्देश
इसपर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा, ”हम जिम्मेदार सरकार और जिम्मेदार पुलिस देखना चाहते हैं। सभी मामलों के आरोपियों के साथ एक तरह का ही व्यवहार होना चाहिए। यह बर्बरता से 8 लोगों की हत्या का मामला है।”
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सभी मामलों के आरोपियों के साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए, किसी के लिए अलग व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि आप हाथ पर हाथ रखकर मत बैठिएगा। समान्यतया हत्या के मामले में क्या होता है, पुलिस क्या करती है। हम क्या मैसेज दे रहे हैं। जाइये और आरोपी को गिरफ्तार कीजिए।
सीजेआई ने कहा, ”राज्य कदम उठा रही है और सीबीआई इस मामले में हल नहीं है। हम दशहरे कि छुट्टियों के बाद मामले पर सुनवाई करेंगे।” सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी तक राज्य सरकार के द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं।
सीजेआई ने कहा कि जांच में जिन अधिकारियों को लगाया गया है, सब वहीं के लोकल फील्ड ऑफिसर्स हैं। उनके व्यवहार से ऐसा नहीं लग रहा है कि वो ठीक से जांच कर पाएंगे। कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को निर्देश दिया है कि मामले से जुड़े हुए सभी सबूतों को संभाल कर रखें।