मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर कही यह बात

नई दिल्लीा: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों का वापस लेने के बाद से विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ बीजेपी के कई नेता और यहां तक की राज्यपाल भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। अब तक कृषि कानूनों को लेकर कई बार बोल चुके मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों पर एक बार फिर से खुलकर अपनी बात कही। एक मशहूर वेबसाइट से बातचीत में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

इसी के साथ उन्होंने किसानों को भी बधाई दी है। उन्होंने कहा, ‘लोग वास्तव में संवैधानिक अधिकारों और दायित्वों को नहीं समझते हैं। किसी भी तरह से संवैधानिक स्थिति आपको जुबान बंद रखने के लिए मजबूर नहीं करती है। यहां तक ​​कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने संवैधानिक पद पर रहते हुए भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हिंदू कोड बिल का विरोध किया था। इसके लिए मैं अपने पद को त्यागने के लिए तैयार था।’ आगे उन्होंने कहा, ‘ये किसान की जमीन को हथियाने का मुद्दा था। इस कानून को वापस लेने से किसान खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। इतनी मुश्किलों के बावजूद किसानों ने आंदोलन को शांतिपूर्ण रखा इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।’

इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा “मुझे नहीं लगता कि एमएसपी की गारंटी के बिना किसान झुकेंगे या आंदोलन बंद करेंगे। इस समय एमएसपी के बावजूद, किसानों को अभी भी बड़े पैमाने पर अपनी फसल को बेचने में परेशानी हो रही है। ऐसे में सरकार को उनकी एमएसपी को लेकर जो मांग है, उसे भी माननी होगी।” आगे राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, “सरकार भी जानती थी कि किसान इस कानून को वापस लेने के अलावा कुछ और नहीं मानेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने इतने महीने के बाद ये फैसला क्यों लिया, ये मैं एक्सप्लेन नहीं कर सकता।”

Related Articles

Back to top button