सर्दियों कॉफी का ज्यादा सेवन स्वास्थ्य को पंहुचा सकता है नुकसान
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही लोग कॉफी का ज्यादा सेवन करना शुरू कर देते हैं. ऐसा करने से शरीर का आलस दूर होता है. इसके साथ ही यह शरीर को गर्माहट पहुंचाने में भी मदद करता है. इसके सीमित मात्रा में सेवन से आपको कई तरह के लाभ मिल सकते हैं. ध्यान रखें कि सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले कॉफी के सेवन से बचें. यह आपकी नींद में बाधा बन सकता है. क्या आपको पता हैं जरूरत से ज्यादा दूध का सेवन भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. जरूरत से ज्यादा कॉफी का सेवन आपको लंबे वक्त के लिए बीमार कर सकता है. तो चलिए जानते हैं जरूरत से ज्यादा कॉफी के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में-
नींद ना आने की समस्या
जरूरत से ज्यादा कॉफी के सेवन से आपको नींद ना आने की समस्या हो सकती है. कई बार लोग रात में सुस्ती दूर करने और शरीर में गर्माहट के लिए कॉफी का सेवन करते हैं. कॉफी में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है. इस कारण कई बार रात में नींद भी नहीं आती है. इसके साथ ही यह आपको स्लीपिंग पैटर्न पर भी बहुत बुरा असर डालता है. यह आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स का भी मुख्य कारण हो सकता है.
पेट की समस्या का बन सकता है कारण
आपको बता दें कि ज्यादा कॉफी का सेवन शरीर के बहुत से अंगों पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है. यह पेट में भी कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है. कॉफी पीने से पेट में गैस्ट्रिक हार्मोन रिलीज होता है. यह कोलन की एक्टिविटी को बढ़ाने में मदद करता है. इसके साथ ही यह पेट खराब करने का कारण भी बन सकता है. ज्यादा कॉफी पीने के कारण गैस की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.
ब्लड प्रेशर की समस्या
कई बार जरूरत से ज्यादा कॉफी के सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. यह हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. ज्यादा ब्लड प्रेशर के कारण यह दिल और दिमाग दोनों पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है और स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए कोशिश करें कि दिन में दो बार से ज्यादा कॉफी का सेवन ना करें.
गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक
आपको बता दें कि जरूरत से ज्यादा कॉफी का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत नुकसानदायक होता है. यह गर्भपात के खतरे को बढ़ाता है. इसके साथ ही नई मांओं को जरूरत से ज्यादा कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए. कॉफी का कैफीन दूध के जरिए बच्चे के शरीर में जा सकता है तो उन्हें नींद ना आने की समस्या और चिड़चिड़ापन का कारण बन सकता है.