प्रतापगढ़ में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक अध्यक्ष थे स्व बाबूलाल श्रीवास्तव
- 1962 में जनसंघ से सदर से जनपद के पहले विधायक बने
- अंतिम सांस तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सत्याग्रह और आंदोलनों में निभाई सक्रिय भूमिका
- आर एस एस के संस्थापक अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ दिल्ली में 6 माह तक रहे जेल में
- जनपद का सिविल के जाने माने अधिवक्ता थे बाबूलाल
स्वर्गीय बाबूलाल श्रीवास्तव राष्ट्रीय स्वयंक सेवक संघ के प्रतापगढ़ जनपद में संस्थापक रहे। जनपद के सिविल के बड़े अधिवक्ता रहे। जिनका जन्म मांधाता क्षेत्र के हैंसी जयचंद गांव में एक किसान परिवार में हुआ।सन 1962 में जनसंघ के सदर क्षेत्र के प्रथम विधायक चुने गए। वह जनसंघ के प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष रहे। जनपद में सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गुरु गोलवरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी बाजपेई जी उनके आवास पर आकर उनके हिंदुत्व और राष्ट्रवादी विचार धारा को आगे बढ़ाने की अहम भूमिका की जमकर सराहना किया । स्व बाबूलाल श्रीवास्तव जी कश्मीर सत्याग्रह तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम् संस्थापक स्वर्गीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ सत्यग्रह कर दिल्ली जेल में करीब छः माह की अवधि तक रहे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर प्रतिबंध लगाए जाने पर भी करीब चार माह प्रतापगढ़ जिला कारागार में निरुद्ध रहे। इसी क्रम में इमरजेंसी के दौरान करीब एक वर्ष तक पहले डिफेंस आफ इंडिया रूल्स के अंतर्गत जेल में रहे तथा जमानत के पश्चात मीसा के अंतर्गत एक वर्ष तक जेल में रहे। भारतीय जनसंघ द्वारा समय समय पर किए जाने वाले समस्त सत्याग्रह एवं आंदोलनों में जनपद प्रतापगढ़ में सदैव उनकी अग्रणी भूमिका रही। बाबूलाल श्रीवास्तव के विधायक चुने जाने और उनके जनसंघ के जीवन यात्रा के प्रमुख प्रसंगों को अमेरिका के एक रिसर्च छात्रा मिसेज एस बर्गर ने अपने शोध के अंक में जिक्र किया है।
जिसका प्रकाशन अमेरिका में एक बुक *डोमिनेंट अपोजीशन पार्टीज इन यूपी में भी किया गया है। उनका निधन 18 दिसंबर 1994में हुआ। स्वर्गीय बाबूलाल श्रीवास्तव के बड़े बेटे सत्यवान श्रीवास्तव जनपद के सिविल के बड़े अधिकता रहे जो अब इस दुनिया में नहीं है। उनके दूसरे नंबर के बेटे डॉक्टर अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव मध्य प्रदेश में पशु डॉक्टर थे जो निदेशक के पद से रिटायर हुए। अविनाश जी जनपद में संघ, भाजपा के साथ जनपद के सभी छोटे बड़े सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे। सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में बढ़चढकर हिस्सा लेने वाले अविनाश जी भारत विकास परिषद के अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपने जीवन काल में दो हजार से अधिक वृद्धों के आंख का आपरेशन करवाया और उनके जीवन में उजाला कायम किया। डॉक्टर अविनाश जी भी पिछले वर्ष 15 दिसंबर को चिर निद्रा में लीन हो गए। तीसरे नंबर के बेटे सतीश चंद्र श्रीवास्तव सिंचाई विभाग में अधिशाषी अभियंता के पद पर रहे वह भी अब इस दुनिया में नहीं है। उनके चौथे नंबर के बेटे ज्ञान चंद्र श्रीवास्तव प्रदेश के जाने माने न्यायाधीश रहे । कुंभ में भगदड़ में रेलवे स्टेशन पर हुई मौत, वाराणसी में जयगुरूदेव के कार्यक्रम में हुई मौत और प्रदेश में चर्चित यादव सिंह के घोटाले के मामले में ज्यूडिशल इनक्वायरी के सचिव रहे । ज्ञान चंद्र जी प्रदेश में लोकायुक्त के सचिव रहे। अब वह सेवानिवृत्त हो गए है। कार्यक्रम के आयोजक आदरणीय ज्ञान चंद्र जी सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी है