इन तीन विटामिन की कमी से भी फटती हैं एड़ियां, जानिए इसका इलाज
फटी एड़ियां किसी की भी खूबसूरती को बिगाड़ सकती हैं. ठंड में ड्राईनेस बढ़ने की वजह से ज्यादातर लोगों को एडियां फटने लगती हैं. दरअसल कई बार गंदगी और खराब स्किन केयर रूटीन की वजह से एड़ियां फट जाती हैं. वहीं कुछ लोगों की स्किन बहुत ड्राई होती है, जिसकी वजह से क्रेक हील्स की समस्या होने लगती है. लेकिन क्या आप जानते हैं पैर फटने के पीछे कई तरह के विटामिन्स की कमी और हार्मोनल डिसबैसेंस भी है. अगर शरीर में इन विटामिन की कमी हो जाए तो एड़ियां हमेशा फटी रहती हैं. जानते हैं कैसे?
इन विटामिन की कमी से फटती हैं एड़ियां
डॉक्टर्स का कहना है कि जब हमारी त्वचा सूख जाती है और नमी की कमी हो जाती है तो स्किन खुरदरी और परतदार बन जाती है. फिशर (fissures) जो गहरी दरारें पैदा कर सकता है वो स्किन की गहरी परतों में फैल सकती है. इसके पीछे शरीर में कुछ विटामिन की कमी भी हो सकती है.
1- विटामिन बी-3 (Vitamin B3)
2- विटामिन ई (Vitamin E)
3- विटामिन सी (Vitamin C)
अगर शरीर में विटामिन सी और विटामिन बी3 की कमी है तो त्वचा फटने लगती है. वहीं विटामिन ई की कमी से स्किन में दरारें पड़ सकती हैं. अच्छी त्वचा के लिए ये विटामिन बहुत जरूरी हैं. इनसे कोलेजन का उत्पादन बढ़ाता है और स्किन को प्रोटेक्शन मिलता है. कई बार स्किन में ड्राईनेस खनिज, जिंक और ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी की वजह से भी हो सकती है.
हार्मोन असंतुलन से भी एड़ियां फटती है
कई लोगों में हार्मोन्स का डिसबैलेंस होने पर भी ये समस्या होने लगती है. थायराइड या एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स के असंतुलन से भी एड़ियां फटने लगती हैं. ज्यादा गंभीर होने पर एड़ियों में दरारें हो सकती हैं और ब्लड भी आ सकता है.
फटी एड़ियों का इलाज
1- अगर आपकी एड़ियां गंदगी की वजह से फटी हैं तो रगड़ने से गंदगी निकलने के बाद सही हो सकती हैं.
2- आप किसी भी तरह की हील बाम का उपयोग कर सकते हैं. जो मॉइस्चराइज़ और एक्सफ़ोलीएट के लिए बना हो.
3- पैरों को 20 मिनट के लिए गुनगुने पानी में भिगो दें, इसके बाद प्यूमिक स्टोन से एड़ियों को साफ कर लें.
4- खाने में जिंक का सेवन करें इससे स्वस्थ त्वचा के रखरखाव में मदद मिलती है.
5- विटामिन ई कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाली प्रक्रियाओं को धीमा करने में मदद करता है. इसलिए खाने में नट्स और सीड्स का उपयोग करें.
6- ड्राईनेस को कम करने के लिए विटामिन सी का सेवन करें. इसके एस्कॉर्बिक एसिड ट्रांस-एपिडर्मल पानी के नुकसान पर असर डालता है. खाने में खट्टे फल जरूर खाएं.