लखनऊ में तेजी से बढ़ रही कंटेनमेंट जोन की संख्या, साढ़े आठ हजार के हुआ पार

राजधानी में तेजी से कोरोना वायरस फैल रहा है। शहर व गांव के ज्यादातर इलाकों में वायरस का प्रकोप है। संक्रमण प्रभावित इलाकों को मिनी कनटेंमेंट जोन में तब्दील किया जा रहा है। मौजूदा समय में करीब साढ़े आठ हजार कनटेंमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। रोजाना 300 से 400 नए कनटेंमेंट जोन बनाए जा रहे है। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। लखनऊ में रोजाना 2500 से अधिक नए मरीज आ रहे हैं। मरीज के संपर्क में आने वाले लोग व परिवार के सदस्य भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मरीज के घर को मिनी कनटेंमेंट जोन बनाया जा रहा है। ताकि मरीज व उसके संपर्क में आने वाले घर से बाहर न आएं।

दूसरी लहर से करीब दोगुना बन गए कंटेनमेंट जोन

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शहर में 110 वार्ड में हैं। इनमें 99 फीसदी वार्ड में कंटेनमेंट जोन हैं। एक माह से कम समय में कनटेंमेंट जोन बनने का रिकार्ड बन गया है। पहली व दूसरी लहर में भी इतने कम समय में कंटेनमेंट जोन नहीं बने। कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल में अलीगंज व इंदिरानगर अधिक संवेदनशील रहा था। उस दौरान अलीगंज में 723 व इंदिरानगर में 454 कंटेनमेंट जोन बने थे। मौजूदा समय में अलीगंज में करीब 1293 व इंदिरानगर में 993 कंटेनमेंट जोन बन गए हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा चिनहट में भी लगभग 1128 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। इसमें गोमतीनगर, विस्तार और फैजाबाद रोड से सटी कॉलोनियां-मोहल्ले शामिल हैं।

जल्द मिल रही राहत

गुजरे चार दिनों से तेजी से मरीज ठीक हो रहे हैं। लिहाजा कनटेंमेंट जोन की संख्या घट भी रही है। इससे स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है। अधिकारियों का कहना है कि कंटेनमेंट जोर में स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार राहत कार्य पहुंचा रही है। मरीज व उनके संपर्क में आने वालों की जांच कराई जा रही है। पॉजिटिव आने पर मरीजों को दवाएं बांटी जा रही है। कोविड कमांड सेंटर से मरीजों को फोन कर सेहत की जानकारी ली जा रही है।

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