रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बदल जाएगा क्रिप्टो करेंसी का भविष्य, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते क्रिप्टो करेंसी काफी सुर्खियों में. ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को दूर करने के लिए रूस क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर सकता है. इसके साथ ही कुछ ऐसी खबरें भी सामने आईं कि क्रिप्टो करेंसी के रूप में यूक्रेन को डोनेशन मिल रहा है. यूक्रेन को अब तक 45 मिलियन डॉलर से ज्यादा का डोनेशन मिल चुका है. ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद क्रिप्टो करेंसी का भविष्य कितना बदल सकता है, आइए समझते हैं.
क्रिप्टो करेंसी की दौड़ में शामिल हैं कई लोग
अंग्रेजी मैगजीन आउटलुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज, यूनोकॉइन के CEO सात्विक विश्वनाथ का कहना है कि ‘कॉरपोरेट लेवल पर लोग पहले से ही इन दोनों देशों में क्रिप्टो करेंसी में शामिल होने की दौड़ में शामिल हो रहे हैं. इसका कारण उनकी अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले फिएट मुद्रा का मूल्यह्रास (Depreciation) होना है. क्रिप्टोस वहां मूल्य के भंडार की तरह काम कर रहे हैं.’‘
क्रिप्टो करेंसी को कंट्रोल करने की जरूरत’
फिर सवाल यह है कि क्या दुनिया को आखिरकार क्रिप्टो करेंसी को लेन-देन और निवेश के वैध रूप में स्वीकार करना होगा? अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने बुधवार को एक बैठक में कहा कि ‘रूस-यूक्रेन युद्ध ने क्रिप्टो करेंसी को कंट्रोल करने की जरूरत बताया है.’ उन्होंने कहा कि ‘यूक्रेन-रूस संघर्ष ने क्रिप्टो करेंसी सहित डिजिटल फाइनेंस पर कार्रवाई की जरूरत को बताया है. उन्होंने कहा कि ‘हमारे पास ये बढ़ता हुआ बिजनेस है जिसके कई हिस्से हैं, और उस तरह के नियामक ढांचे की जगह नहीं है, जिसकी जरूरत है.’
यूक्रेनी सरकार क्रिप्टो में कर रही है डोनेशन की मांग
कुछ क्रिप्टो करेंसी एक्सपर्ट का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध क्रिप्टो करेंसी की कहानी में बदलाव ला सकता है और वे अब की तुलना में ज्यादा स्वीकार्य हो सकते हैं. क्रिप्टो एक्सपर्ट अजीत खुराना कहते हैं कि ‘तथ्य यह है कि यूक्रेनी सरकार भी क्रिप्टो में योगदान की मांग कर रही है, जो ब्लॉकचैन-आधारित धन के इस्तेमान को मान्य करता है.’
भविष्य में क्रिप्टो का बढ़ सकता है महत्व
एक ब्लॉकचैन लॉ फर्म क्रिप्टो लीगल के वकील और संस्थापक पुरुषोत्तम आनंद का कहना है कि अगर रूस वास्तव में हाल के प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने के लिए क्रिप्टोक्यूच्युर्न्स का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है, तो हम दुनिया भर में इसके बढ़ते प्रभाव को देख सकते हैं. खासकर अमेरिका और यूरोप, क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में सख्त नियमों के साथ आगे आ रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि यह भी संभव है कि क्रिप्टो को को ऐसी जगहों में एक बड़ा स्थान मिल सकता है. क्रिप्टो एक ऑप्शनल पेमेंट सिस्टम के रूप में उभरेगा.
भारत के नजरिए से क्रिप्टो का महत्व
भारत भविष्य में क्रिप्टो करेंसी को कैसे देखता है, यह सरकार के रुख पर निर्भर हो सकता है, जो अभी के लिए सावधान है. हाल ही में, सरकार ने क्रिप्टो के लिए भारी टैक्स लगाया है. पुरुषोत्तम आनंद कहते हैं कि ‘अगर रूस वास्तव में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करके आर्थिक प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने या कम करने में सक्षम है, तो आरबीआई भारत में क्रिप्टो करेंसी की ओर रुख बढ़ा सकता है. भारत सरकार भी क्रिप्टो करेंसी बिल के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है, हालांकि उस दिशा में अभी तक कोई ठोस काम नहीं हुआ है.