किसी बड़े हादसे के इंतजार में वन विभाग

  • लापरवाह वन विभाग के कारण वृक्ष की छाया में नहीं, मौत के साए में है जनता

लखनऊ। निशातगंज स्थित दूसरी गली में लगभग 100 वर्ष पुराना पकरिया का पेड़ कभी भी गिरकर जानमाल की गंभीर क्षति कर सकता है। वन विभाग के संबंधित लोगों के कथनानुसार स्नानीय निवासियों ने गत दो वर्ष से सभी आधिकारिक समस्त औपचारिकताएं पूरी कर दिया है। उसके बावजूद पेड़ काटने के लिए वन विभाग के सैकड़ों चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

ऐसे में यदि निशातगंज की दूसरी गली के निवासियों के साथ कोई हादसा हो जाता है तो क्या वन विभाग इसकी जिम्मेदारी लेगा।
गौरतलब है कि हर-भरे पेड़ मलीहाबाद वह बख्शी का तालाब में वन विभाग की आंखों के सामने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए काटे जा रहे हैं।

वहीं निशातगंज की दूसरी गली में लगे सौ वर्ष पुराने पकरिया के पेड़ को काटने के लिए नियमों के तहत विभाग से हुई वार्तानुसार के 5अकतूबर 2020 से वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की अनुमति व अनुमोदन होने के बावजूद पेड़ को काटने नहीं जा रहे हैं।
वन विभाग के जिम्मेदार लोग निशातगंज की दूसरी गली के स्थानीय निवासियों को नित नए बहाने बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं।
हालांकि विभाग के अधिकारियों व व कर्मचारियों की लापरवाही चरम सीमा पर है। लगता है लखनऊ वन विभाग किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।

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