2011 के बाद भारत के लिए 2027 का वर्ल्ड कप भी खेलेगा ये स्टार खिलाड़ी
नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने साल 2011 में वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था. 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेलने वाली टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा रहे 11 में से 10 खिलाड़ी अब संन्यास ले चुके हैं, लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी है, जो टीम इंडिया के लिए अभी तक क्रिकेट खेल रहा है और ये खिलाड़ी भारत के लिए 2023 का वर्ल्ड कप भी खेलेगा. बता दें कि भारत को साल 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जिताने वाले खिलाड़ियों में एक से बढ़कर एक मैच विनर शामिल थे.
2011 के बाद भारत के लिए 2027 वर्ल्ड कप भी खेलेगा ये स्टार खिलाड़ी
टीम इंडिया के लिए 2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेलने वाला ये खिलाड़ी 2023 ही नहीं, बल्कि 2027 का वनडे वर्ल्ड कप भी खेल सकता है. अगर वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल खेलने वाली टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन की बात करें तो इसमें वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, विराट कोहली, एमएस धोनी, युवराज सिंह, सुरेश रैना, हरभजन सिंह, जहीर खान, मुनाफ पटेल और एस श्रीसंत शामिल थे. इनमें से 10 खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया है, सिर्फ विराट कोहली ही एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो अभी भी इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं.
अब सिर्फ बचा है ये एक खिलाड़ी
विराट कोहली ने साल 2008 में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया था. विराट कोहली भारत के लिए अभी तक साल 2011, 2015 और 2019 का वनडे वर्ल्ड कप खेल चुके हैं. विराट कोहली की फॉर्म और फिटनेस ऐसी है कि वह 2023 ही नहीं, बल्कि 2027 का वनडे वर्ल्ड कप भी खेल सकते हैं.
खेल सकता है 2027 का वर्ल्ड कप
विराट कोहली इस समय 33 साल के हैं और 2027 के वर्ल्ड कप के दौरान वे 38 साल के होंगे. मौजूदा फिटनेस को देखा जाए तो विराट कोहली आराम से उस 2027 वर्ल्ड कप का भी हिस्सा हो सकते हैं और भारत के लिए पांच वर्ल्ड कप खेल सकते हैं. विराट ने अभी तक 2011, 2015 और 2019 का वनडे वर्ल्ड कप खेला है और वे भारत की इस टीम के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पिछले तीनों वनडे वर्ल्ड कप खेले हैं और चौथा भी भारत में 2023 में होने वाले वर्ल्ड कप में खेलने वाले हैं.
2011 का क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की संयुक्त मेजबानी में खेला गया था. 1983 में भारत ने पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था. उसके 28 साल बाद टीम इंडिया ने एक बार फिर इतिहास रच डाला. इसके साथ ही भारतीय टीम वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के बाद तीसरी ऐसी टीम बनी, जो दो या इससे अधिक बार खिताब पर कब्जा करने में सफल रही.
भारत ने श्रीलंका को हरा कर कई मिथक तोड़े
2011 वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया. जहां भारत ने श्रीलंका को हरा कर कई मिथक तोड़े. वह पहली ऐसी मेजबान टीम बनी, जिसने वर्ल्ड कप जीता. इससे पहले किसी टीम ने अपनी धरती पर वर्ल्ड कप हासिल नहीं किया था. टीम इंडिया लक्ष्य का पीछा करते हुए चैंपियन बनने वाली तीसरी टीम बनी. इससे पहले वर्ल्ड कप के इतिहास में दो बार ही ऐसा हो चुका था. लेकिन लगातार दूसरी बार फाइनल खेल रहे श्रीलंका को भारत ने 10 गेंदें शेष रहते 6 विकेट से शिकस्त दी.
धोनी युवराज से पहले क्रीज पर आ गए
अब तक फाइनल में शतक बनाने वाले की टीम जीतती रही थी. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ, जब शतक काम नहीं आया. महेला जयवर्धने के नाबाद 103 रन के बाद भी श्रीलंका को जीत नसीब नहीं हुई. 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को शुरुआती झटके लगे थे. 2 विकेट महज 31 रन पर गिर गए थे. एक समय टीम इंडिया 114 रन पर 3 विकेट खो चुकी थी. ओपनर गौतम गंभीर क्रीज पर थे और उनका साथ देने के लिए युवराज को आना था, लेकिन सबको हैरत में डालते हुए कप्तान धोनी युवराज से पहले क्रीज पर आ गए. उन्होंने धमाकेदार पारी खेल कर भारत को जीत दिलाई, वे मैन ऑफ द मैच रहे. धोनी ने गंभीर के साथ 109 रनों की शानदार पार्टनरशिप की. गौतम गंभीर ने 97 रनों की ठोस पारी खेली. धोनी ने 79 गेंदों में 91 रन तो बनाए ही साथ ही बेस्ट फिनिशर की परिभाषा पर खरे उतरते हुए विजयी सिक्सर मारकर सबके दिलों को जीत लिया.