पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में हार के बाद सोनिया गांधी ने खुद विपक्षी नेता के तौर पर संभाला मोर्चा….
पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में हार के बाद सोनिया गांधी ने खुद विपक्षी नेता के तौर पर मोर्चा संभाल लिया है। सोनिया गांधी ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार से स्कूलों में फिर से मध्याह्न भोजन योजना शुरू किए जाने की गुजारिश की। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष (Congress interim president Sonia Gandhi) ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं इसलिए बच्चों को अब बेहतर पोषण की आवश्यकता है।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi in Lok Sabha) ने कहा कि महामारी के कारण बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जब कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ तो स्कूल सबसे पहले बंद हुए और हालात संभलने लगे तो सबसे आखिरी में खोले गए। स्कूलों के बंद होने के कारण मध्याह्न भोजन योजना बंद कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) के तहत राशन वितरित किया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष (Congress president Sonia Gandhi) ने कहा कि बच्चों के परिजनों को आजीविका कमाने के लिए बड़े संकटों का सामना करना पड़ता है। भले ही राशन वितरित किया गया लेकिन यह बच्चों के लिए पके हुए भोजन का कोई विकल्प नहीं है। ऐसा संकट (कोरोना महामारी) पहले कभी नहीं आया था। बच्चे जैसे-जैसे स्कूल लौट रहे हैं उन्हें और भी बेहतर पोषण की जरूरत है। मध्याह्न भोजन योजना उन बच्चों को स्कूलों तक लाने में भी मदद करेगी जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है।
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey 2019) के मुताबिक बीते पांच वर्षों में कमजोर बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यह बेहद चिंताजनक है। सरकार को बच्चों के कुपोषण को रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाना चाहिए। मेरी सरकार से गुजारिश है कि बच्चों के लिए स्कूलों में तुरंत गर्म और पका हुआ भोजन वितरित करने की व्यवस्था करे। सरकार को स्कूलों में तुरंत मध्यान भोजन फिर से शुरू करना चाहिए।