आज से मां दुर्गा के इन बीज मंत्रों का करें जाप, सभी मनोकामना होगी पूरी

आज से चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो चुका है और यह 11 अप्रैल तक चलने वाला है. आप सभी को बता दें कि चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा की जाएगी. जी हाँ और पूजा के दौरान नवदुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना कल्याणकारी माना जाता है. कहते हैं इन मंत्रों के जाप से नवदुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं. आप सभी को बता दें कि नवदुर्गा मां दुर्गा की नौ अवतार हैं, जिनमें मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां सिद्धिदात्री और मां महागौरी हैं. जी हाँ और मां दुर्गा ने ये नौ स्वरुप अलग-अलग उद्दश्यों की पूर्ति के लिए धारण किया था. अब आज हम आपको बताते हैं मां दुर्गा के 9 स्वरुपों के बीज मंत्रों के बारे में.


चैत्र नवरात्रि 2022 नवदुर्गा बीज मंत्र
मां शैलपुत्री बीज मंत्र
ह्रीं शिवायै नम:

मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:

मां चंद्रघंटा बीज मंत्र
ऐं श्रीं शक्तयै नम:

मां कूष्मांडा बीज मंत्र
ऐं ह्री देव्यै नम:

मां स्कंदमाता बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:

मां कात्यायनी बीज मंत्र
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:

मां कालरात्रि बीज मंत्र
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।

मां महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:

मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:

नवदुर्गा स्तुति मंत्र
1. या देवी सर्वभू‍तेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

2. या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

3. या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

4. या देवी सर्वभू‍तेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

5. या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

6. या देवी सर्वभू‍तेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

7. या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

8. या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

9. या देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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