इस क्षेत्र में केंद्रित है रूसी सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की
रूस और यूक्रेन युद्ध को आज 55वां दिन है। दोनों देशों के बीच अब तक कोई सुलह नहीं हो पाई है। इस बीच रूसी सेना ने डोनबास में फिर से लड़ाई शुरू कर दी है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक वीडियो संबोधन में कहा है कि यूक्रेन अपना बचाव करेगा। सीएनएन के अनुसार, जेलेंस्की ने कहा रूसी बलों ने डोनबास में बड़े पैमाने पर आक्रमण शुरू कर दिया है। जिसके लिए वे लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं। पूरी रूसी सेना अब इस हमले पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हम यूक्रेन के किसी भी हिस्से को कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।
दरअसल, जेलेंस्की ने कहा है कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो कितने सैनिकों को डोनबास में युद्ध लड़ने के लिए भेजते हैं, क्योंकि हम लड़ेंगे। हम अपना बचाव करेंगे और यूक्रेन अपना बचाव करता रहेगा। उन्होंने कहा कि हम अपने किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे। वहीं, यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डेनिलोव के अनुसार, रूसी सेना ने तीन क्षेत्रों में यूक्रेनी अग्रिम पंक्तियों को तोड़ने का प्रयास शुरू किया। आज, लुहान्स्क, डोनेट्स्क, खार्किव क्षेत्रों में रूस ने जबरदस्त हमले किए। इस दौरान उन्होंने हमारी सेना को तोड़ने का प्रयास किया। लेकिन सौभाग्य से हमारी सेना ने अपनी पकड़ बना रखी है। उन्होंने बताया कि लड़ाई जारी है, हम अपने क्षेत्रों को आत्मसमर्पण नहीं कर रहे हैं और एक सक्रिय चरण शुरू करने का प्रयास शुरू हो गया है।
इस बीच, अमेरिका ने सुरक्षा सहायता से लदे चार विमानों को यूक्रेन भेजा है और सोमवार को एक और डिलीवरी की है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन साकी ने एक प्रेस के दौरान कहा चार विमान सैन्य सहायता के लिए पहुंचे थे, एक और आज आने वाला है। इसके अलावा, अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि अमेरिका रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन को एक विजेता के रूप में देखना चाहता है और पेंटागन ऐसा करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रेस सचिव जान किर्बी ने सीएनएन को बताया हम चाहते हैं कि यूक्रेन (रूस के साथ) इस लड़ाई को जीत ले और हम यहां रक्षा विभाग में वह सब कुछ कर रहे हैं। जिसे सुनिश्चित करने के लिए उनके पास ऐसा करने की क्षमता है। आपको बता दें कि 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान शुरू किया। जब डोनेट्स्क और लुहान्स्क के अलग-अलग गणराज्यों ने यूक्रेनी सैनिकों द्वारा तीव्र हमलों से उन्हें बचाने के लिए मदद का अनुरोध किया था।