जानिए किन लोगों के लिए फायदेमंद है सुनहला रत्न और इसे धारण करने की विधि…
Sunela Ratan: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में मौजूद नौ ग्रहों के लिए अलग अलग रत्न निर्धारित किए गए हैं। ग्रहों के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए ज्योतिषाचार्य भी रत्न पहनने की सलाह देते हैं। हर एक रत्न का का अपना एक महत्व है। इन्हीं रत्नों में से एक है सुनहला रत्न। इस रत्न को पुखराज का उपरत्न माना जाता है। इस रत्न के स्वामी गुरु बृहस्पति है। दरअसल, पुखराज रत्न काफी महंगा आता है जिसे हर कोई धारण नहीं कर सकता है। ऐसे में सुनहला रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। इस रत्न को धारण करने से मान-सम्मान मिलने के साथ धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। जानिए किन लोगों के लिए फायदेमंद है सुनहला रत्न और इसे धारण करने की विधि
सुनहला रत्न धारण करने के फायदे
- इस रत्न को धारण करने से बिजनेस में लाभ होता है।
- करियर में एक नई उड़ान चाहते हैं तो इस रत्न को धारण करना लाभकारी होगा।
- अगर जातक की कुंडली में गुरु देव बृहस्पति कमजोर है तो इस रत्न को ज्योतिष से पूछकर पहनना शुभ होगा।
- अगर कोई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, तो इस रत्न को धारण करना शुभ होगा।
- सुनहला रत्न धारण करने से दिमाग सही ढंग से काम करने लगता है। इसके साथ ही आपकी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
- आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों के लिए इस रत्न को पहनना लाभकारी साबित हो सकता है।
किन राशियों को पहनना होगा शुभ
- गुरु की राशि धनु और मीन राशि के जातकों को सुनहला रत्न पहनना शुभ होगा।
- ज्योतिषों के अनुसार मेष, कर्क, वृश्चिक, धनु राशि के जातक भी सुनहला रत्न धारण कर सकते हैं। इस रत्न को धारण करने से इस राशि के जातकों को धन लाभ, मान-सम्मान और संतान की प्राप्ति होगी।
- जिन जातक की कुंडली में गुरुदेव बृहस्पति अकारक हो उन्हें बिना ज्योतिष के सलाह के इस रत्न को धारण नहीं करना चााहिए। इससे हानि का सामना करना पड़ सकता है।
सुनहला रत्न धारण करने की विधि
इस रत्न को गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए। गुरुवार के दिन सुबह स्नान आदि करके पूजा पाठ कर लें। इसके बाद तांबे के पात्र में गाय का कच्चा दूध, गंगाजल, घी, शहद और तुलसी की कुछ पत्तियां डाल लें। इसके बाद इसमें रत्न भी डाल दें और ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रूं गुरुवे नमः: मंत्र की एक माला कर लें। इसके बाद इस रत्न को निकाल गंगाजल से धोकर साफ कपड़े से पोंछ लें और फिर दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में पहन लें। इस बात का ध्यान रखें कि सुनहला रत्न को सोने या फिर अष्टधातु की अंगूठी में ही जड़वाएं।