बिहार के पूर्व पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी ने सीएम नीतीश कुमार को भेजा पत्र, बिहार सीएम से की ये मांग
विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के संस्थापक और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की मांग है कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के चुनाव में लिया जाने वाला पांच हजार रुपये का शुल्क माफ हो। मुकेश सहनी ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस संबंध एक पत्र भेजा है। सहनी ने कहा कि चुनाव के लिए सात सौ मतदाताओं पर सहयोग समितियों से पांच हजार रुपये की मांग की जा रही है। सहयोग समिति कमजोर वर्ग के व्यक्तियों का समूह है। निर्वाचन प्राधिकार वैसी समितियों के लिए चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहा है जिन सहयोग समितियों ने शुल्क का भुगतान कर दिया है, परंतु बहुतायत संख्या में गरीब मछुआरे हैं, जो मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव के शुल्क जमा करने की स्थिति में नहीं। सहनी ने वर्ष 2027-17 का हवाला देकर कहा उक्त चुनाव में सरकार ने निर्धारित शुल्क के नियम को शिथिल किया था। मछुआरों की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री संबंधित शुल्क माफ करने की पहल करें।
बता दें कि साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) ने चार सीटें जीती थीं। सहनी एनडीए सरकार में पशुपालन मंत्री थे। मंत्री रहने के दौरान सहनी की जब यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा से बात नहीं बनी तो उन्होंने बीजेपी के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतार दिए। इधर, मुजफ्फरपुर की बोचहां सीट पर उनकी पार्टी के विधायक रहे मुसाफिर पासवान का निधन हो गया था। इसके बाद भाजपा ने यूपी का बदला लिया और बोचहां सीट सहनी को न देकर अपना प्रत्याशी उतार दिया। एमएलसी चुनाव में भी भाजपा ने सहनी को भाव नहीं दिया। बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत सहनी के बचे तीन विधायकों ने पाला बदल लिया और भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद बिहार भाजपा अध्यक्ष ने सहनी के पशुपालन विभाग में अनियमितता का आरोप लगा उनको मंत्री पद से हटाने की मांग कर दी। सहनी मंत्री पद से तो गए ही बिहार में शून्य हो गए। अब न उनका एक भी विधायक बिहार में है और न ही यूपी चुनाव में उनकी पार्टी के एक भी प्रत्याशी की जीत हुई। हालांकि बोचहां सीट एनडीए के पास भी नहीं रही। यहां उप चुनाव में राजद की जीत हो गई।